बेलारूस : अलेक्जेंडर लुकाशेंको को एक और कार्यकाल मिला
देश की स्थिति पर एक त्वरित विविरण
दिल्ली, सितम्बर २: बेलारूस रूस के पास एक छोटा देश है। पहले वह USSR का हिस्सा था। अलेक्जेंडर लुकाशेंको, जो पिछले २६ साल से बेलारूस के राष्ट्रपति है, वे ९ अगस्त को फिर से सत्ता में वापस चुने गए।
- एक दिन बाद, सड़कों पर लोगों के चुनाव परिणामों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। उन्होंने शिकायत की कि राष्ट्रपति ने चुनावों में धोखा किया है।
- विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखानोव्सकाया ने कहा कि उन्हें पडोसी देश लिथुनीआ जाना पड़ा, क्यूंकि उन्हें राष्ट्रपति से डर लग रहा था।
- यूरोप के नेताओं ने भी मिलकर इस स्थिति की समीक्षा की।
- जर्मन लीडर, एंजेला मार्केलने कहा कि यूरोप को बेलारूस के आंतरिक मामलों में दखल अंदाज़ी नहीं करनी चाहिए। लेकिन यूरोपियन यूनियन और अमेरिका, दोनोंने चुनाव के परिणामों को अमान्य किया है और बेलारूस के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
- रूस के राष्ट्रपति, वाल्दमीर पुतिन, जो अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको के समर्थक है, ने कहा है कि उनका देश कानून और व्यवस्था स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बेलारूस में पुलिस बल भेजने के लिए तैयार है।
- इस बीच, बेलारूस में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन जारी है। सरकार ने स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस बात ने, बदले में, अंतरराष्ट्रीय नेताओं को लुकाशेंको से और भी अधिक दुखी कर दिया है।
- लुकाशेंको के ख़िलाफ़ यह पहली बार का विरोध प्रदर्शन नहीं है। २०१० के चुनाव के परिणामों के बाद भी जनता ने विरोध प्रदर्शन किया था।
- बेलारूस के केन्द्रीय चुनाव कमीशन ने वोट की पुनःगिनती की मांग को ख़ारिज कर दिया है।
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