अगर चिड़िया के होते दो हाथ,
भर-भर लाती खाना वो साथ
सोचो कैसे दिखती गगन में
उड़ती जब फैलाकर पंखों के साथ अपने दो हाथ
मुस्कुराती हूँ मैं सोच कर
कि कितनी जल्दी बनाती वह अपना घोंसला
अगर करती इस्तेमाल वह अपने हाथ!
सोच में पड़ी हूँ मैं
कि वह कैसे उठती अपने चूज़ों को
क्या चोंच में भर लेती
या फिर पास समेट लेती लेकर हाथों में हाथ?
सोचते-सोचते याद आया
कि यह हक़ीक़त नहीं बस एक सोच है
कि अगर चिड़िया के होते दो हाथ.......
प्रदन्या जी द्वारा
भर-भर लाती खाना वो साथ
सोचो कैसे दिखती गगन में
उड़ती जब फैलाकर पंखों के साथ अपने दो हाथ
मुस्कुराती हूँ मैं सोच कर
कि कितनी जल्दी बनाती वह अपना घोंसला
अगर करती इस्तेमाल वह अपने हाथ!
सोच में पड़ी हूँ मैं
कि वह कैसे उठती अपने चूज़ों को
क्या चोंच में भर लेती
या फिर पास समेट लेती लेकर हाथों में हाथ?
सोचते-सोचते याद आया
कि यह हक़ीक़त नहीं बस एक सोच है
कि अगर चिड़िया के होते दो हाथ.......
प्रदन्या जी द्वारा
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