Saturday, 3 April 2021

जब गुरुत्वाकर्षण भारहीनता से बदल जाता है तो हृदय सिकुड़ जाता है

Image from Twitter of @SmithsonianMag


बोस्टन, अप्रैल २: खगोलशास्त्री स्कॉट केली जो 2015-2016 तक लगभग एक साल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहे है, वैज्ञानिकों ने उनके ह्रदय के बारें में खुलासा किया है कि उनके ह्रदय का सबसे बड़ा कक्ष सिकुड़ गया है। केली के ह्रदय का द्रव्यमान 6.7 औंस से 4.9 औंस तक सिकुड़ गया है, लगभग 27% की हानि हुई है। यह इस सप्ताह की प्रसार की गयी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

जो लोग आईएसएस पर रहते हैं, वे अपनी शारीरिक फिटनेस को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करते हैं, क्यूंकि वे गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में रहते हैं।  पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण लोगों को ह्रदय का आकार और कार्यक्षमता, दोनों को बनाये रखने के लिए मदद करते है। इसके सामान परिवर्तन तैराक बैनोइट लेकते के ह्रदय में भी पाया गया था, जब 2018 में उन्होंने प्रशांत महासागर को 159 दिनों की तैराकी के बाद पार किया था। 

जब गुरुत्वाकर्षण को भारहीनता से बदल दिया जाता है, तो हृदय प्रतिक्रिया में सिकुड़ जाता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह लंबे समय तक स्पेसफ्लाइट और लंबे समय तक पानी में विसर्जन से होने वाले मानव हृदय के अनुकूलन में से एक हो सकता है, क्यूंकि दोनों का गुरुत्वाकर्षण पर समान प्रभाव पड़ता है।

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