Saturday, 10 April 2021

Wolf-Rayet Star 124 Representative image from Nasa.gov

भारतीय खगोलविदों ने सबसे गर्म सितारों में से एक के विस्फोट को ट्रेक किया 

नई दिल्ली, अप्रैल ९: हम रात को आकाश में जो तारे देखते हैं, वे ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से बने होते है।  एक तारें को उसका गुरुत्वाकर्षण बंधे रखता है।  हाइड्रोजन जल कर हीलियम बनता है जिससे परमाणु संलयन होता है और प्रकाश और गर्मी का उत्सर्जन होता है। 

आर्यभट्ट रिसर्च वैधशाला विज्ञान संस्थान, नैनीताल के चार भारतीय विज्ञानिको ने अमेरिका, ब्रिटेन,कनाडा, आयरलैंड, इटली, स्वीडन और दक्षिण कोरिया के विदेशी वैज्ञानिकों के साथ सहयोग में दुर्लभ सुपरनोवा विस्फोट को ट्रैक किया।गैलेक्सी एनजीसी 7371 के छीन एनवेलप सुपरनोवा एसएन 2015dj की मॉनिटरिंग कि। 

लेकिन सुपरनोवा क्या है और सुपरनोवा विस्फोट का क्या अर्थ है? सुपरनोवा एक विशाल विस्फोट है, जो एक तारे के जीवन के अंत समय पर होता है। बड़े-बड़े तारे अपने केंद्र पर भारी मात्रा में परमाणु ईंधन जलाते हैं। यह
बहुत अधिक गर्मी पैदा करता है। यह गर्मी दबाव उत्पन्न करती है जो तारे को ढहने से बचाती है।  सितारे का गुरुत्वाकर्षण उसे एक छोटी गेंद में निचोड़ने की कोशिश करता है। लेकिन नाभिकीय ईंधन के जलने से बनने वाला मजबूत बहारी दबाव गुरुत्वाकर्षण के आंतरिक दबाव का विरोध करता है। जब तारें का ईंधन ख़तम हो जाता है, तब वह ठंडा हो जाता है, और बाहरी दबाव कम होने लगता है। अब गुरुत्वाकर्षण की जीत होती है और तारा ढह जाता है। यह पतन इतना जल्दी होता है कि इससे शॉक वेव्स बनते है, जो तारे के बाहरी विस्फोट का कारण बनते है। यह वही है, जिसे हम सुपरनोवा विस्फोट के तौर पर देखते है। 

वैज्ञानिकों ने पाया कि मूल तारा दो तारों का एक संयोजन था, जिनमें से एक विशाल वुल्फ रेयेट स्टार है। यह ध्यान दिया जाना है कि वुल्फ रेएट सितारें बेहद दुर्लभ है और उनके नाम, अपने खोजकर्ताओं के नाम पर चार्ल्स वुल्फ और जॉर्ज रेयेट रखें गए है। वे अत्यधिक चमकदार वस्तुएं हैं, जिनका द्रव्यमान हमारे सूर्य से बीस बार से अधिक है  और तेज लाखों गुना है। 

इस तरह के विस्फोटों की निगरानी तारों के विस्फोट की प्रकृतिक गुण में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। वे हमें आकाशगंगा में मौजूद विशाल सितारों को समझने में भी मदद करते हैं। 

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