Wednesday 27 January 2021

परेड में दिखी विविधता, संस्कृति, सैन्य ताकत 

नई दिल्ली, 26 जनवरी: नई दिल्ली में राजपथ पर हुआ 72 वां गणतंत्र दिवस समारोह और परेड। परेड की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने की। 50 वर्षों में यह पहला गणतंत्र दिवस था जब महामारी के प्रतिबंधों के कारण कोई मुख्य अतिथि नहीं था।

परेड हाइलाइट्स:

  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ की ओर बढ़ने से पहले, इंडिया गेट पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में औपचारिक पुस्तक पर हस्ताक्षर किए। 
  •  राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद 223 फील्ड रेजिमेंट की सेरेमोनियल बैटरी द्वारा 21 गन का सैल्यूट दिया गया।
  • शौर्य पुरस्कार विजेताओं ने भी राजपथ पर परेड की।
  • पहली बार, बांग्लादेश की सेना के एक 122 सदस्यीय दल और बैंड ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया।
  • कुल 32 झांकीयाँ - विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 17, मंत्रालयों की नौ और रक्षा शाखा की छह झांकियां  परेड का हिस्सा थे।
  • वायु सेना, लद्दाख, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, दिल्ली, त्रिपुरा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, की झाँकियों ने राजपथ को सुशोभित किया।
  • डिजिटल इंडिया, श्रम मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, सीआरपीएफ, मेड इन इंडिया कोविद वैक्सीन, की झाँकियाँ  परेड के अन्य मुख्य आकर्षण थे।
  • इसके बाद स्कूली बच्चों द्वारा जीवंत नृत्य की प्रस्तुति दी गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
  • समारोह के अंत में तिरंगे गुब्बारों से आकाश सज गया ।
  • टी -90 भीष्म, (भारत का मेड इन इंडिया टैंक), ब्रह्मोस मिसाइल और इसके मोबाइल ऑटोनोमस लांचर, 841 रॉकेट रेजिमेंट के पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम (दुनिया के सबसे उन्नत रॉकेट प्रणालियों में से एक) को  भीड़ के सामने भारत की सैन्य ताकत को दिखाते हुए परेड किया गया। उन्नत शिल्का वेपन प्रणाली(Schilka Weapon system) का नेतृत्व 140 वायु रक्षा रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी ने किया। वह परेड में सेना की एकमात्र महिला सैन्यदल कमांडर थी।
  • राफेल लड़ाकू जेट विमानों ने पहली बार गणतंत्र दिवस के फ्लाईपास्ट में भाग लिया।
  • फ्लाईपास्ट में पहला 'रुद्र’ फार्मेशन था जिसमें डकोटा विमान शामिल था जिसके साथ 2 Mi-17 IV हेलीकॉप्टर थे।
  •  'त्रिनेत्र' के गठन में तीन Su-30MKI थे जिसमे तीन विमान अलग-अलग और ऊपर की ओर विभाजित होकर आसमान में 'त्रिशूल' बनाते हैं, जबकि 2 जगुआर विमान और 2 मिग -29  के साथ एक राफेल ने  'एकलव्य' का फार्मेशन किया।
  • परेड का समापन 'वर्टिकल चार्ली' लिए हुए राफेल के साथ किया गया, जो देखने लायक दृश्य था। इसने ब्रह्मास्त्र का निर्माण किया, जिसमें यह कुछ दूरी तक कम ऊंचाई पर गया, फिर 90 डिग्री पर ऊंचाई पर गया।

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