Sunday, 3 January 2021

गोवा के पश्चिमी घाटों में मुरिंगरस की नई प्रजाति खोजी गई

Ischaeum Janarthanamii Image credit:vigyanprasar.gov.in


भारत, जनवरी २: अगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI) के शोधकर्ता ने गोवा विश्वविद्यालय के साथ, गोवा के पश्चिमी घाट पर भारतीय मुरिंगरास की एक नई प्रजाति की खोज की है। इस प्रजाति का नाम इस्चामुम जंर्थनमी (एम के जनार्थनम के नाम पर रखा गया, जो गोवा विश्वविद्यालय में बॉटनी के वरिष्ठ प्रोफेसर है,  जिन्हे भारतीय घास की वर्गीकरण और गोवा के फूलों की विविधता के प्रलेखन में योगदान के लिए सम्मानित किया गया)। इसका आर्थिक मूल्य उच्च है और इसका उपयोग चारे के रूप में किया जाता है, इस प्रकार यह पारिस्थितिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह नयी प्रजाति कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल हो कर, कम पोषक तत्व की उपलब्धता में भी, हर मानसून में खिलता है। इस प्रजाति को पहली बार २०१७ के मानसून में एकत्र किया गया था और अगले तीन साल तक इसकी विशेषताओं की स्थिरता की जांच करने के लिए रखा गया था। वेस्टर्न घाट भारत के चार वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है 
(इस्किमम की 85 प्रजातियों में से ४० प्रजातियां यहां पाई जाती हैं)।

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