भारतीय शेयर बाजार नयी ऊंचाई पर खुला
बीएसई सेन्सेक्स पहली बार ४८,००० के पार पहुंचा
मुंबई, जनवरी ४: इंडियन शेयर मार्केट सोमवार को तेजी के साथ खुला। बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) ने पहली बार ४८,००० का अंक पार किया। भारत बायोटेक की कोवाक्सिन और अस्ट्रज़ेनेका की कोविशिएल्ड को सरकार द्वारा आपातकालीन समय के उपयोग के लिए मंजूरी मिलने पर शेयर बाज़ार में तेज़ी की लहर फ़ैल गयी।
शेयर बाज़ार एक परिवर्तनशील बाज़ार है, इसका यह मतलब है की दुनियाभर की सकारात्मक और नकारात्मक खबरों का प्रभाव इस पर पड़ता है। जब भारतीय सरकार ने इस समाचार के घोषणा की, तो निवेशकों की भावनाओं पर अच्छा प्रभाव पड़ा और उन्हें अर्थव्यवस्था सकारात्मक लगने लगी। इससे यह हुआ की दलाल स्ट्रीट में निवेशकों ने अधिक शेयर खरीदकर एक एक तीव्र गति पैदा कर दी।
अनीता ने १०० रूपये प्रति शेयर के दर से एबीसी कंपनी के ५०० शेयर नवंबर २०२० में ख़रीदे। वैक्सीन की घोषणा के बाद उसके दोस्तों ने भी एबीसी कंपनी के शेयर खरीदना शुरू किया। इस वजह से, कंपनी के शेयर की क़ीमत बढ़ने लगी। जनवरी २०२० में एबीसी के शेयर अब २०० रूपये प्रति शेयर बिकने लगे। अगर अनीता आज एबीसी के शेयर्स बेचना चाहती है, तो उससे केवल दो महीनों में प्रति शेयर १०० रुपये का फायदा होगा।
त्वरित तेज़ी के कारण :
- दिसंबर २०२० में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) का कलेक्शन १.१५ लाख करोड़ रुपए का हुआ, जो आज तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन है। जब जनता टैक्स भरती है, तो इसका यह मतलब है कि देश के पास ढांचागत संरचनाओं, शिक्षा, इत्यादि पर खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा है।
- भारत में कम ब्याज दरों ने एफपीआई (फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स) के रूप में पूंजी प्रवाह को आकर्षित किया है।
- यूएस डॉलर के गिरते दाम।
आओ, समझे:
शेयर मार्किट: जहाँ लोग शेयर खरीदते और बेचते है।
बीएसई सेन्सेक्स: यह अच्छी तरह से स्थापित और आर्थिक रूप से स्थिर ३० कंपनियों का एक शेयर बाजार सूचकांक है। यह शेयर बाजार के प्रदर्शन का संकेत है।
बुलिश मोमेंटम: स्टॉक एक्सचेंज पर ऊपर की ओर खरीदारी की प्रवृति। ज्यादा निवेशक शेयर खरीदते है, जिससे शेयर के भाव बढ़ते है।
दलाल स्ट्रीट: यह वह गली है जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (दुनिया के सबसे मूल्यवान १० स्टॉक एक्सचेंज में से एक) और अन्य सम्मानित वित्तीय संस्थाए है।
एफपीआई: फॉरेन निवेशकों के पास मौजूद शेयर, बॉन्ड और अन्य नकद के बराबर सम्पति का समूह।
बॉन्ड: यह दो कंपनियों के बीच एक अनुबंध है। कंपनी अपने निवेशकों से बड़ी रकम उधर लेने के लिए बॉन्ड जारी करती है, और इस तरह पूंजी जमा करती है।
बेयरिश मार्किट (मंदी का बाज़ार): बाज़ार में तेज़ी के बाद मंदी का माहौल आता है, क्यूंकि अधिकतर निवेशक अपने शेयर बेचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश करते है, जिससे शेयर की कीमतें कम होने लगती है।
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