Thursday, 28 January 2021

माइक्रो लेंडिंग ऐप्स का अनोखा मामला 

चीनी व्यवसायीयों ने जल्दबाज़ी में भारत छोड़ा, कुछ नाकामयाब हुए 



दिल्ली, जनवरी २०२०: यह कहानी २०२० में कहीं शुरू हुई थी। जा को एक बार के खर्च के लिए एक छोटी रकम की जरुरत थी। उससे इन पैसों की जरूरत केवल महीने के अंत तक थी, और महीने के अंत में वह पैसे वापस करना चाहता था। 

उसने इंस्टेंट लोन ऐप्स के बारे में जाना। यह सारे ऐप्स ने बताया कि वह छोटी रकम की लोन ले सकते है और १५ दिन के बाद उसे छोटे से ब्याज के साथ वापस कर सकते है। 

ऐप के ज़रिये लोन लेने की प्रक्रिया :

  • ऐप डाउनलोड करे 
  • अपना आधार और पान कार्ड का नंबर सांझा करे 
  • ऐप को अपने फोन के कॉन्टेक्ट्स और मैसेज का एक्सेस दें (ऐप परमिशन कौन पढ़ता है!)
  • लोन के लिए अर्ज़ी करे और कुछ ही समय में लोन की रकम पाए
लेकिन उपयोगकर्ताओं ने कुछ मुश्किलों का सामना किया:
  • अगर १००० रु का लोन मंजूर हुआ है, तो लगभग ७०० रु अर्जदार को मिलते है। बाकी की रकम 'प्रोसेसिंग फीस' या ऐसे किसी खर्चे के तौर पर काट लिए जाते है। 
  • अगर पैसे वापस करने में एक दिन भी देरी होती है, तो कलेक्शन एजेंट्स फ़ोन करके वसूली करने लगते है। 
  • अगर पैसे वापस करने में और देरी होती है, तो आपके कांटेक्ट लिस्ट के लोगों को फ़ोन करके पैसों की वसूली करना शुरू कर देते है। 
  • देर से पैसे लौटने पर एक ऊँची रकम लेट फीस के तौर पर देनी पड़ती है। 
  • जब आप पैसे वापस करने जाते है, तो पता लगता है कि ब्याज का दर वास्तव में काफी ऊँचा है। एक ऐप (फैरमोनी) का उदाहरण लेते है :
            लोन की रकम = 5000 
            प्रोसेसिंग फ़ीस = 250 + GST = 295 
            ब्याज दर (24% per annum, pro-rated to 60 days) = 200 
            लोन की रकम ऑन हैंड = 4705 
            लोन की वापस करने की रकम = 2600 (पहले महीने) + 2600 (दूसरे महीने के अंत में) = 5200 
हाई स्कूल में सीखे गणित को काम में लेकर आओ फिर से गिनती करते है:

नगद =  4705 ब्याज के साथ वापस करने की रकम = 5200 
ब्याज = 5200-4705 = 495; ब्याज (%) = 495/4705 = 10.5%
अगर २ महीनो का ब्याज 10.5% है, तो 12 महीनो का 63% होता है, 24 % नहीं। 

  • पहले महीने के अंत में आधी रकम वापस कर दी जाती है, इसका यह मतलब है की वापस किये गए पैसो पर दूसरे महीने का ब्याज नहीं लगना चाहिए।  लेकिन ग्राहक को उस रकम पर भी दूसरे महीने ब्याज देना  पड़ता है। 
  • ग्राहक का डाटा बड़ी आसानी से चुराया या बेचा जा सकता है। 

पीछा और शिकार

दिसंबर २०२० तक पुलिस को इन लोन ऐप्स के बारें में पता चलने लगा। उन्होंने इन ऐप्स का विवरण करना शुरू किया। उनके आश्चर्य के बीच यह पाया गया कि इनमें से कई ऐप चीनी कंपनियों द्वारा चलाए गए थे। उनमें से कुछ के पास भारत में चीनी कर्मचारी थे, कुछ ने स्थानीय काम करने के लिए भारतीयों को काम पर रखा था। इन में से अधिकांश ऐप्स के कोई कार्यालय नहीं थे, या कार्यालय के पते के रूप में सूचीबद्ध स्थान रिक्त थे। 

१४ जनवरी तक, कई भारतीय और चीनी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनमें से एक को जब गिरफ्तार किया गया था, तो वह देश के बाहर उड़ान भरने वाला था। पुलिस की कार्यवाही चालू है। २३ दिसंबर को भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोगों को इन ऐप्स का उपयोग न करने के लिए अगाह करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। 

गूगल ने भी कार्यवाही कि 

मध्य जनवरी में गूगल ने अपने प्लेस्टोर से इन में से कुछ ऐप्स को डीलिस्ट किया। लेकिन गूगल ने यह जानकारी नहीं दी, कि उन्होंने कितने ऐप्स को डीलिस्ट किया। 

एंडनोट 

जब हमने आज जाँच की, तो हमें 50 से अधिक ऐसे ऐप मिले, जो अभी भी गूगल प्लेस्टोर में मौजूद हैं और शीर्ष 10 खोज परिणाम में शामिल हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि भारत एकमात्र पीड़ित नहीं है। इन एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं
में मलेशिया और अन्य देशों के नागरिक भी थे। अधिकांश समीक्षाएँ हाल ही में दी हुई और संक्षिप्त थीं।

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