Tuesday, 1 December 2020

 CRISPR जीन एडिटिंग: २ पैथब्रेकिंग उपचारों में २ अध्ययन

प्राइमेट्स में वायरस के जीन को सफलतापूर्वक संपादित करता है, और कैंसर कोशिकाओं को बेअसर करता है



दिल्ली, नवंबर ३०: आपको याद होगा कि इस साल का रसायनशास्त्र के लिए नोबेल पारितोषिक एक ऐसी टेक्नोलॉजी ने जीता था, जो जीन संरचना के अवांछनीय भागों को काट के अलग करने में मदद करती है। 

आज हम आपके सामने इस टेक्नोलॉजी के दो और उपयोग लाए है। 

इजराइल द्वारा वित्त-पोषित और तेल अवीव यूनिवर्सिटी, इंटीग्रेटेड DNA टेक्नोलॉजीज (अमेरिका स्थित कंपनी) और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा संयुक्तरूप से संचंलित अध्ययन हुआ था। इसके परिणाम यह बताते है कि कैंसर कोशिकाओं के अस्तित्व के लिए जिम्मेदार अनुवांशिक प्रणाली (जेनेटिक सिस्टम्स) को काट के अलग करना संभव है। इसका मतलब है की फिर कैंसर कोशिकाएं प्रजनन नहीं कर सकती और जीवित नहीं रह सकती हैं।

दूसरे अध्ययन में, टेम्पल यूनिवर्सिटी (यूएसए) के वैज्ञानिक CRISPR का उपयोग कर प्राइमेट्स की संक्रमित कोशिकाओं से वायरस को काटने की तकनीक का उपयोग कर पाए थे।  The Human Immuno-Deficiency
Virus (HIV), Simian Immuno-Deficiency Virus (SIV), जिस पर शोध की गयी, उसका करीबी रिश्तेदार है। 

ये दोनों प्रौद्योगिकियां वर्तमान में अनुसंधान और विकास के चरण में हैं।

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