आओ, असम-मिज़ोरम की सीमा के मामले को समझे
यह क्या है?
दिल्ली, अक्टूबर २६: 1923 में अमेरिका को अपना पहला स्वदेशी रूप से बनाया गया एटलस मिला। यहाँ चित्र में जो आप देख रहे है, वह उस एटलस में भारत के नक़्शे का टुकड़ा है। अगर आप ध्यान से देखे तो, बंगाल प्रदेश (यह भारत के पार्टिशन के पूर्व का पूर्ण बंगाल था) की पूर्व ओर २ और प्रांत है - उत्तर में असम और उसके नीचे बर्मा (1923 में बर्मा भारत का अविभाज्य अंग था। आज वह म्यानमार नाम का देश है। )
उत्तर-पूर्वीय क्षेत्र के '७ बहनों' के सामूहिक नाम से हम जिन राज्यों को आज जानते है, वे सब उस समय एक ही राज्य का हिस्सा थे - असम।
समय के साथ उत्तर पूर्व के राज्य, असम से बनाये गए।
1963 में स्थापित होने वाला, नागालैंड सबसे पहला राज्य था। उसके बाद मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर (तीनों राज्य 21 जनवरी, 1972) और अंत में मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश (20 फरवरी, 1987) की स्थापना हुई।
कुछ मामलों में राज्य अपने बीच की सीमाओं पर सहमत नहीं है। यहाँ तक की असम और मिज़ोरम के बीच राज्यरहित भूमि (No Man’s Land) भी है (यह दो सीमाओं के बीच का एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर दोनों में से एकभी राज्य का नियंत्रण नहीं होता। ऐसी भूमि का अक्सर किसी भी तरह से उपयोग नहीं किया जाता है और दोनों पक्षों द्वारा निगरानी की जाती है।)
९ अक्टूबर से असम और मिज़ोरम की राज्य की सीमा पर दोनों राज्यों के बीच कुछ झगडे हुए है। दोनों पक्षों को यह प्रतीत हो रहा है, कि दूसरा राज्य उनके क्षेत्र को ले जा रहा है। मिज़ोरम और असम के मुख्यमंत्री भारतीय गृहमंत्री के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे है।
असम का नागालैंड, मेघालय, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद चल रहा है। हालाँकि,
ये विवाद लोगों के सामान्य जीवन को विचलित नहीं करते हैं। वे समय-समय पर, कुछ घटनाओं के कारण सामने आते हैं। उन्हें शांतिपूर्वक और स्थायी रूप से हल करने का प्रयास किया जा रहा है।
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