अटल टनेल : दुनिया की सबसे लम्बी हाईवे टनेल का उद्घाटन
भारत, अक्टूबर ३: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग, हिमाचल प्रदेश में अटल टनेल (जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नाम दिया गया है, जो इससे पहले रोहतांग टनेल के नाम से जानी जाती थी) का उद्घाटन किया। यह टनेल बनाने का निर्णय सन २००० में, अटल बिहारी वाजपेयी के शाषनकाल में लिया गया था। अटल टनेल दुनिया की सबसे लम्बी (९.०२ किमी) हाईवे टनेल है, जो ३००० मीटर की ऊंचाई पर, हिमालय की पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में बनाई गई है।
इस टनेल के माध्यम से लाहुल स्पीति के निवासी मनाली से पुरे साल जुड़े रहेंगे। अब तक सर्दी के महीनों में भारी बर्फ वर्षा के कारण लाहुल स्पीति बाकी के भारत से कटे रहते थे। लेह और मनाली के बीच की यात्रा दुरी ४६ किमी से कम हो जायेगा और यात्रा समय लगभग ४ घंटे से।
अटल टनेल का एक बड़ा रणनैतिक महत्व भी है। इसके जरिये हमारे सशस्त्र बल निर्बाध गति सुनिश्चित होगी और सीमाओं पर तैनात सैनिकों के लिए साल भर की आपूर्ति उपलब्ध रहेगी।
अटल टनेल की मुख्य विशेषता :
- यह टनेल घोड़े की नाल के आकर में है और एक ही ट्यूब में डबल-लेन है।
- टनेल की चौड़ाई १०.५ मीटर है और ओवरहेड क्लीयरेंस ५,५२५ मीटर है।
- मुख्य टनेल के भीतर एक फायरप्रूफ इमरजेंसी टनेल (३.६ मीटर बाय २.२५ मीटर) भी बनाई गयी है। इसके अलावा हर ५०० मीटर पर एक आपातकालीन निकास होगा।
- यह प्रति घंटे ८० किमी की अधिकतम गति के साथ प्रति दिन ३००० कारों और १५०० ट्रकों के चल रहे यातायात का प्रबंधन कर सकता है।
- यह SCADA (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन) से युक्त -प्रकाशित रोशनी, निगरानी, अग्निशमन सिस्टम, और अर्ध-अनुप्रस्थ वेंटिलेशन सिस्टम की अत्याधुनिक विद्युत प्रणाली से सुसज्जित है।
- सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सुरंग के अंदर एक ऑटो इन्सिडेंट डिटेक्शन प्रणाली स्थापित की गई है। इसके साथ ही हर २५० मीटर की दुरी पर सीसीटीवी कैमरें लगे है।
- सुरंग के दक्षिण और उत्तरी पोर्टल्स पर प्रवेश बाधाओं को रखा गया है।
- इसमें हर १५० मीटर पर टेलीफोन सुविधा और हर ६० मीटर पर फायर हाइड्रेंट लगे होंगे।
- प्रदूषण की जांच और अंदर ताजी हवा इंजेक्ट करने के लिए सिस्टम लगाए गए हैं।
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