Tuesday, 22 September 2020

फार्म बिल २०२० की समझ

संसद ने ३ में से २ फार्म बिल पास किए 

नई  दिल्ली, सितम्बर २१: भारतीय संसद ने तीन में से दो को अत्यधिक विवादास्पद ऐसे 'फार्म रिफॉर्म बिल्स’को रविवार को पारित (Pass) किया । पारित बिल अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे जाएंगे, उनकी सहमति के लिए। यह तीनों बिल खेत बाजार का उदारीकरण, सिस्टम को अधिक कुशल बनाना, हर किसी के लिए बेहतर कीमत की वसूली और खेती को अधिक आकर्षक उपक्रम बनाना के विचार से  लाए गए है। आओ, इन बिल्स को थोड़ा विस्तार से समझते है: 
  1. द फार्मर'स प्रोडूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल, २०२०: (The Farmer’s Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill 2020) -  पारित - सामान्य शब्दों में इसे APMC बाईपास बिल कह सकते है।  यह बिल किसानों को अपनी पैदावार APMC विनियमित मंडियों के अलावा अन्य जगहों पर बेचने की अनुमति देता है।  इस बिल से APMC बंद नहीं होंगे, पर किसानों को ओर विकल्प मिलेंगे। 
  2. द फार्मर'स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस असुरेन्स एंड फार्म सर्विसस बिल, २०२० : (The Farmer’s (Empowerment and protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Bill 2020) - पारित -  इसे सामान्य शब्दों में 'कॉन्ट्रैक्ट  फार्मिंग बिल' कह सकते है। यह बिल किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने का विकल्प उपलब्ध करवाता है। यह बिल इस जरुरत पर जोर देता है कि किसान चाहे तो कंपनी के साथ, कंपनी जो चाहे वह उत्पादन करने के अनुबंधीय समझौते (contractual agreement)  में प्रवेश कर सकता है और बदले में एक उच्च पारिश्रमिक (भुगतान) प्राप्त करता है। 
  3. द एसेंशियल कमोडिटीज आर्डिनेंस, २०२०: - (The Essential Commodities Ordinance 2020) - प्रस्तावित - इसे हम कह सकते है 'कृषि उधोग से जुड़े व्यवसायिकों को उपज का स्टॉक करने के लिए दी गयी स्वतंत्रता'।  यह विधेयक कृषि व्यव्यसायों को जमाखोरी के लिए दंडित किए जाने के डर के बिना कृषि उत्पादन को बड़ी मात्रा में स्टॉक करने की स्वतंत्रता देता है। 

APMC विनियमित मंडी क्या है ?

कृषि उपज मंडी समिति (Agricultural Produce Market Committee), ये राज्य सरकार द्वारा विनियमित मार्केटिंग बोर्ड है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना है।  वे बड़े रिटेल विक्रेताओं के शोषण से किसानों की सुरक्षा भी करते है और यह भी सुनिश्चित करते है की 'फार्म टू रिटेल' कीमतें अत्यधिक उच्च स्तर तक न पहुंचे। 

न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) क्या है?
यह सरकार के द्वारा बाजार पर किया जानेवाला हस्तक्षेप है, यह सुनिश्चित करने के लिए की किसानों को अपन ी उपज के लिए एक आश्वस्त राशि मिले और खेत उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट न आये। 

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