Sunday, 30 August 2020

कीज़हैदी पुरात्व साइट पे मोहर और व्यापर का साक्ष्य मिल

भारत, अगस्त ३०: २०१३-१४ में पहली खुदाई के बाद से कीज़हैदी एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल बन गया है। 
सबसे हालिया निष्कर्ष में यह पता चला है कि यह सभ्यता शायद एक व्यापारिक सभ्यता थी। महाराष्ट्र और अन्य क्षेत्रों से अर्द्ध कीमती पत्थरों को आयात किया जाता था, जिन्हे यहाँ मोतियों में बदला जाता था। 
इस बार की खुदाई में हाथ से बने टेराकोटा के सील भी मिले है, जिसके दोनों ओर दो छेद है और एक कछुए की छवि है। 
इस साइट से एक १७वीं सदी का सोने का सिक्का और १२० से अधिक कार्बोन नमूने जैसी अन्य दिलचस्प चीज़ें भी मिली है। 
खुदाई का मौजूदा चरण फरवरी २०२० में शुरू हुआ था।

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