आर्कटिक क्षेत्र पर असामान्य रूप से बड़ा ओजोन छिद्र बंद हुआ
यूरोपीय सैटेलाइट सिस्टम कोपरनिकस ने इसके बारे में खोज की।
कोपेनहेगन, अप्रैल 27: आर्कटिक क्षेत्र पर ओजोन परत में एक लाख वर्ग किलोमीटर चौड़ा एक छेद आखिरकार अपने आप ठीक हो गया। यूरोपीय वायुमंडलीय निगरानी प्रणाली ने इसकी पुष्टि की कि छेद के बनने और अचानक गायब होने का लॉकडाउन के प्रदूषण के कम स्तर से कोई लेना-देना नहीं है। ध्रुवीय भंवर(polar vortex) इस घटना का मुख्य कारण है। ध्रुवीय भंवर उच्च ऊंचाई (high altitude) वाली वायु धाराओं (air currents) को दिया जाने वाला एक नाम है जो आम तौर पर ध्रुवीय क्षेत्रों (polar regions) में शीत लहरें लाता है। इस वर्ष हवा की धाराएँ दो भागों में विभाजित हो गई , जिसकी वजह से हीट वेव ध्रुवीय क्षेत्र में आयी और वहां तापमान वर्ष के इस समय पाए जाने वाले सामान्य तापमान से 20 डिग्री ज्यादा बढ़ गया। हालांकि, ध्रुवीय भंवर(polar vortex) में तापमान असामान्य रूप से ठंडा था। इसकी वजह से दुर्लभ समतापमंडलीय बादलों (stratospheric clouds), जो की पृथ्वी से 50 किमी की ऊचाइयो पर बनते हैं, का जन्म हुआ। इन समतापमंडलीय बादलों ने वायुमंडलीय सीएफसी (क्लोरोफ्लोरो कार्बन एक प्रकार की ग्रीनहाउस गैस है जो पृथ्वी पर तापमान बढ़ाती है और ओजोन छिद्र का कारण बनती है।) के साथ क्रिया की। ध्रुवीय भंवर समय के साथ कमजोर हो गया है और सामान्य स्थिति ओजोन परत में लौट आई है जिसकी वजह से ओजोन छिद्र बंद हो गया ।
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