Thursday 14 November 2019

कविता कोना - तितली के रंग 
 
तितली अपने रंग बिखेर, उड़ चली ऊपर आकाश
इंद्रधनुष की पड़ी छटा जो, मांग लिए कुछ रंग उधार
लाल रंग के पंख सजाऊँ, नीला बॉर्डर भी लगवाऊँ
हरे रंग के चमकदार, सलमा-सितारे उनपर सजवाऊँ
गुलाबी फीता खूब सजेगा, पीला दाना खूब जमेगा
हल्का-हल्का संतरी, यहाँ वहाँ पर खूब खिलेगा
इतने रंग जो पाए तुमने, सब जो लिए सजाये तुमने
मुझको दे दो कुछ उधार
सुन्दर-सुन्दर रंगों से, रंग दो आज सारा संसार

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