Wednesday, 7 August 2019

होंठों पे सच्चाई रहती है, 
जहां दिल में सफाई रहती है 
हम उस देश के वासी हैं 
जिस देश में गंगा बहती है. 

मेहमान जो हमारा होता है 
 वो जान से प्यारा होता है 
ज़्यादा की नहीं लालच हमको 
थोड़े में गुज़ारा होता है 

बच्चों के लिए जो धरती माँ, 
सदियों से सभी कुछ सहती है 
हम उस देश के वासी हैं 
जिस देश  में गंगा बहती है. 
- इस गीत के गीतकार शैलेन्द्र जी हैं 



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