Monday, 3 December 2018





खेलें खेल, खेलें खेल 
आओ मिल के बनाएं रेल 
कंचे, पिट्ठू, छुपन छुपाई 
कितने सारे खेल हैं भाई!


सर्दी की मुलायम धूप 
मैदान में भर गयी देखो दूब 


आओ घर से निकलें हम
बनाएं टोली, खेलें हम!

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