अनवसरे यदुक्तं सुभाषितं तच्च भवति हास्याय .
अनवसरे - बिना अवसर के (गलत समय पर)
यदुक्तं - जो कही जाए
सुभाषितं - अच्छी बात
भवति - बनती है/ होती है
हास्याय - हास्यास्पद / हंसने की बात
गलत समय पर कही सही बात भी हास्यास्पद लगती है.
At the wrong time, even the right thing becomes inappropriate / hilarious.
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