Sunday, 25 November 2018

हरा समंदर 
गोपी चन्दर 
बोल मेरी मछली,
कितना पानी?
पानी में हीरे,
पानी में मोती….
बात हमारी खत्म न होती,
राज़ समय का खुलता जाए 
चिड़ियों का चम्बा उड़ता जाए…
25 Nov 2018

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