यंग जर्नलिस्ट गुरमेहर की खबर
ऑस्ट्रेलिया, 22 मई: ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के पक्षीविज्ञानियों और शोधकर्ताओं ने पृथ्वी पर निवास करने वाली पक्षियों की प्रजातियों की सफलतापूर्वक पहली जनगणना (गिनती की गई जनसंख्या) की है। अध्ययन से पता चलता है कि कम से कम 50 अरब पक्षी हैं, जो कि एक इंसान के अनुपात में छह पक्षी होंगे। शोध से पता चलता है कि सभी विश्लेषित ९,७०० प्रजातियों (९२% जीवित) में से चार प्रजातियों को शोधकर्ताओं ने 'बिलियन क्लब' (प्रजातियों की आबादी प्रति प्रजाति एक अरब से अधिक थी) में शामिल किया है। वे हैं गौरैया (1.6 बिलियन), यूरोपियन स्टार्लिंग (1.3 बिलियन), रिंग-बिल्ड गल (1.2 बिलियन), और बार्न स्वॉलो (1.1 बिलियन)। कुछ प्रजातियों (लगभग 12%) में प्रति प्रजाति बहुत कम लगभग 5000 की संख्या है। पक्षी विज्ञानी ईबर्ड, पार्टनर्स इन फ्लाइट और बर्डलाइफ इंटरनेशनल के डेटा को मिलाकर इन संख्याओं का अनुमान लगाने में कामयाब रहे और इस गणना पर पहुंचने के लिए उन्होंने एक एल्गोरिदम बनाया। पारिस्थितिकी(ecology), विकास(evolution) और संरक्षण (conservation) के विषयों में आवश्यक होने के कारण यह अध्ययन अपना महत्व रखता है। अध्ययन मुख्य रूप से इस कारण कठिन था क्यूंकि पक्षी विभिन्न रंगों, आकारों और छलावरणों(camouflage) में आते हैं, जिससे उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है।
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