दिलीप छाबड़िया का जिज्ञासु प्रकरण
एक ही लक्जरी कार के कई रेजिस्ट्रेशन्स
Indicative image of a luxury sports car Image by Lee Rosario |
दिल्ली, जनवरी २०: भारत में जब लोग करियर के बारे में सोचते है, तब 'लक्ज़री कार डिज़ाइनर' का विकल्प कम लोगों के दिमाग में आता है।
दिलीप छाबड़िया भारत में इस करियर के अग्रणी है। उनकी प्रमुख कंपनी, दिलीप छाबड़िया डिज़ाइनस प्राइवेट लिमिटेड १९९३ में रजिस्टर हुई थी। तब से उन्होंने लक्ज़री कार में स्टाइल और अनुकूलन जोड़ा है।
२०१५ में कंपनी ने डी सी अवंति को लॉन्च किया, जो एक दिलीप छाबड़िया की कंपनी द्वारा उत्पादित होने वाली कॉन्सेप्ट स्पोर्ट्स कार है।
दिसंबर २०२० में तमिलनाडु में एक ट्रैफिक हवलदार ने एक अवंति के मालिक, जिसने ट्राफिक के नियम को तोडा था, को रोका। जब रजिस्ट्रेशन की जाँच की गई, तो ट्रैफिक पुलिसकर्मी यह देखकर हैरान रह गया कि उसी चेसिस नंबर की एक कार का रजिस्ट्रेशन हरियाणा में भी किया गया था।
इस, और कुछ अन्य शिकायतों के कारण पुलिस ने मामले की जांच की। उन्हें जो बातें पता चली वे काफी आश्चर्य वाली थी। कंपनी
- एक ही गाडी का रजिस्ट्रेशन एक से ज्यादा राज्यों में करती थी।
- बिक्री दिखने के लिए, कंपनी अपनी है गाड़ी खरीदती थी।
- एक ही गाड़ी के सामने एक से ज्यादा कार लोन लिए गए थे।
यह कैसे मुमकिन हुआ?
प्रत्येक राज्य का सड़क परिवहन प्राधिकरण स्वतंत्र है, क्योंकि सड़क परिवहन और सड़क परिवहन पर कर
राज्य की सूची में आता है।
इसका यह मतलब हुआ की भारत में रजिस्टर्ड वाहन का कोई केन्द्रीकृत लिस्ट नहीं है। हरेक राज्य अपना एक लिस्ट रखता था और रिपोर्टिंग भी राज्यस्तर पर ही होता था।
इस खामी ने डी सी को एक ही वाहन पर कई राज्यों का रजिस्ट्रेशन लेना मुमकिन बनाया।
हरेक राज्य में खरीददार बैंक के बदले नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के पास जाता था, कार लोन के लिए। NBFC लोन दे सकते है और उन पर बैंक के जितने नियमन नहीं है। इसलिए, ग्राहक के लिए उनका स्वयं का सत्यापन औपचारिक बैंक की तरह सख्त नहीं है।
इस तरह वे एक ही कार पर एक से अधिक ऋण प्राप्त करने में सक्षम थे।
फिर, भारत में वाहनों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस लॉन्च किया गया। इस डेटाबेस के कारण, पुलिस अब वाहन के चेसिस या इंजन नंबर से भी वाहनों को ट्रैक कर सकती है। दिलीप छाबड़िया को मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है।
0 comments:
Post a Comment