Saturday 12 December 2020

वज़न का पलड़ा जीवसृष्टि की ओर से हट कर मानव निर्मित वस्तुओं की ओर झुका 

नया अध्ययन प्रकाशित 

बोस्टन, दिसंबर ११: किसी वस्तु का द्रव्यमान (mass) उस वस्तु के पदार्थ(matter) के बारें में बताता है।  यह जगह के साथ बदलता नहीं है, स्थिर रहता है। इसलिए हमारा द्रव्यमान चंद्र पर और पृथ्वी पर एक ही होता है। बायोमास समस्त जीवसृष्टि, जैसे के पेड़-पौधे, जानवर, मानवजाति और अन्य जीवित वस्तुओं (बैक्टीरिया और फूंगी सहित), का संयुक्त द्रव्यमान है। 

हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि मानव निर्मित वस्तुओं का द्रव्यमान पहली बार पृथ्वी के बायोमास से आगे निकल गया है। परिणामों के लिए, अध्ययनकारों ने मानव निर्मित वस्तुओं को व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया: कंक्रीट, ईंट, डामर, धातु और अन्य सामग्री जैसे प्लास्टिक, बिल्डिंग बनाने के लिए लकड़ी का उपयोग और ग्लास। उन्होंने मानव निर्मित द्रव्यमान को 'मानवजनित द्रव्यमान' के रूप में संदर्भित किया।

मानवजनित द्रव्यमान की तुलना हाल के बायोमास, जो अंदाजित १.१ टेराटन के बराबर है, से की गयी। इस अध्ययन का यह निष्कर्ष हुआ की २०२० का वर्ष एक क्रॉसओवर वर्ष है, जब मानव निर्मित वस्तुओं का द्रव्यमान, प्राकृतिक द्रव्यमान से बढ़ गया। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि हाल के दिनों में हर 20 साल में मानवजनित द्रव्यमान लगभग दोगुना हो गया है।

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