Monday, 26 October 2020

 चेन्नई, 25 अक्टूबर:  चार्ल्स डार्विन के प्रजातियों के विकास के सिद्धांत(theory of the evolution of species) के लिए गैलापागोस द्वीप ने प्राकृतिक प्रयोगशाला के रूप में कार्य किया। इसे यह नाम गैलापागोस नाम के विशालकाय कछुओं के कारण मिला, जो यहां रहते हैं।

गैलापागोस पेंगुइन जो कि 35 सेमी की ऊंचाई वाली दुनिया में पेंगुइन की सबसे छोटी प्रजातियों में से एक है ,की आबादी  2019 में 1,451 से बढ़कर सितंबर 2020 में 1,940 हो गई है।

इस बीच, द्वीप के कॉर्मोरेंट्स ने अपने उड़ने की क्षमता खो दी है और गोताखोरी कौशल को विकसित किया है। इसी अवधि में ये अनोखी फ्लाइटलेस कॉर्मोरेंट्स भी 1,914 से बढ़कर 2,220 हो गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि पर्यटन में गिरावट और ला नीना जलवायु घटना(La Nina climatic phenomenon) (महासागर के सतह के पानी को ठंडा करना) की उपस्थिति ने उनकी आबादी को बढ़ाने में मदद की।



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