Thursday 10 September 2020

चाँद पर जंग क्यों है ?

वैज्ञानिक इसका स्पष्टीकरण ढूंढने की कोशिश में 

दिल्ली, सितम्बर ९: जैसे की आप जानते  है,जंग लगना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब आप लोहे को खुले में छोड़ देते हैं, तो यह पानी की उपस्थिति में वातावरण में ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है, और जंग बनता है।  जंग लगने में ओक्सिजन अपने इलेक्ट्रॉन्स लोहे को देता है। 


पृथ्वी पर यह प्रतिकिया एकदम सहज है। पर चंद्र पर होना, एक अलग ही  बात है। 

हेमटिट (Fe2O3) की उपस्थिति को देखकर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के चित्र का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक आश्चर्यचकित थे। इन चित्रों को भारत के पहले चंद्र मिशन - चंद्रयान I पर स्थित मून माइनरोलॉजी मैपर (M3) उपकरण द्वारा साझा किया गया।

अध्ययन के प्रमुख वैज्ञानिक, हवाई विश्वविद्यालय के डॉ. शुआई ली ने कहा कि यह एक बहुत ही आश्चर्यजनक खोज है। 

जंग लगने के लिए मुख्यतः ३ चीज़ो की आवश्यकता होती है : 
१. लोहा 
२. ऑक्सीजन 
३. पानी 

चंद्रमां की तह लोहे से समृद्ध चट्टानों से बनी है, जिस वजह से लोहा वहाँ बड़ी तादात में उपलब्ध है। 

वैज्ञानिकों को लगता है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति अणुओं द्वारा की गई थी जो पृथ्वी के वातावरण से बचके, पृथ्वी के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र (इस क्षेत्र में चंद्रमा भी शामिल है) से यात्रा करते हुए, चंद्रमा तक पहुंचते हैं। यह एक बहुत छोटी मात्रा है, लेकिन यह वहाँ है।

पर पानी कहाँ से आया ?
जबकि चंद्रयान I की 2007 की छवियां चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में पानी खोजने में सफल रही, पर जंग को उन क्षेत्रों में पाया गया जो पानी के क्षेत्रों से दूर थे। बिना पर्यावरण वाले स्थान पर, पानी के अणु कैसे गए?

वैज्ञानिकों को लगता है कि चंद्रमा पर तेज़ गति वाले धूल के कण लोहे की समृद्ध चट्टानों तक या तो पानी के अणुओं को ले जा सकते हैं। सिर्फ सही परिस्थितियों में, रासायनिक प्रतिक्रिया जो जंग के गठन की ओर ले जाती है, हो सकती थी। 

आप को क्या लगता है ? आपके मत से चंद्रमा पर जंग क्यों है ?

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