Tuesday, 26 May 2020

भारत में 27 साल में  टिड्डीयों का सबसे ख़तरनाक हमला 


सबसे ज्यादा  राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश  प्रभावित

जयपुर, 25 मई: टिड्डियां(Locusts ) वापस आ गई हैं! ईरान, पाकिस्तान, इथियोपिया और भारत (जैसलमेर) की फ़सलों को तबाह करने के बाद, भारत के मध्य क्षेत्र  में टिड्डियों के झुंड पहुँच गए हैं।  जयपुर और झांसी में 3 किमी लंबे झुंडों को देखा गया। इन शहरों को हाई अलर्ट पर डाला गया है।   उत्तर प्रदेश में 17 जिले, राजस्थान में 16 जिले और मध्य प्रदेश में 10 जिले 27 साल में सबसे खराब हमले के गवाह बन रहे हैं। गुजरात और पंजाब ने भी अपने किसानों को चेतावनी दी है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने निर्दिष्ट सीमाओं (specified borders )के स्थान पर ड्रोन, उपग्रह व्युत्पन्न उपकरण(satellite derived tools), विशेष फायर टेंडर और स्प्रेयर के साथ तैयार 4 टीमों को तैनात किया है। भारत ने टिड्डी  हमले का मुकाबला करने के लिए एक त्रिपक्षीय (जिसमें 3 देश - भारत, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं) प्रतिक्रिया की पेशकश की है।

टिड्डियां(Locusts ) क्या हैं?

टिड्डे(locusts )छोटे सींग वाले grasshoppers  होते हैं, जो अरीरिडी परिवार (Acrididae Family)से संबंधित होते हैं। वे आमतौर पर समूहों में दिखाई देते हैं। पार्कों में दिखने वाले grasshoppers कभी-कभी अकेले में भी दिखाई देते हैं। क्रिकेट्स(crickets ) भी इसी परिवार से हैं।

टिड्डियों के हमले का आर्थिक प्रभाव क्या होगा?

टिड्डे , किसानों की आजीविका और खड़ी फसलों को नष्ट कर सकते हैं । 1 वर्ग किलोमीटर के टिड्डे के झुंड में लगभग 40 मिलियन टिड्डे होते हैं और एक दिन में 35,000 लोगों के बराबर  खाना खा सकते हैं (1 व्यक्ति 2.3 किलो भोजन प्रति दिन खाता है)। टिड्डों ने मध्य प्रदेश में 8,000 करोड़ रुपये के मूंग दाल फसल के लिए ख़तरा  पैदा कर दिया है । यदि वे देश में आगे की यात्रा करते हैं, तो वे कई हजार करोड़ रुपये की कपास(cotton) और मिर्च की फसलों को नष्ट कर सकते हैं। कीट अपने रास्ते में आने वाली  फल और सब्जियों की नर्सरी भी नष्ट कर सकते हैं।

टिड्डियां दूर क्यों नहीं जा रही हैं?

टिड्डियां भारत में नवंबर तक फसलों पर हमला करती हैं, लेकिन बदलती जलवायु परिस्थितियों(climatic conditions) के कारण वे इस साल मई तक रुक गई हैं। हिंद महासागर में चक्रवातों (cyclones)की संख्या और विस्तारित मानसून(extended monsoon) ने टिड्डों के प्रजनन(breeding) के लिए आदर्श स्थितियां बनाईं और टिड्डियों को खिलाने के लिए प्राकृतिक वनस्पति(natural vegetation) प्रदान कीं।


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