विश्वास मत हारने के बाद के. पी. शर्मा ओली ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली
K.P Sharma Oli
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नेपाल, मई १५: १३ मई को विपक्षी दल के गठबंधन करने और सरकार बनाने में असमर्थ होने के बाद, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के खड्ग प्रसाद शर्मा ओली को राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद पर फिरसे नियुक्त किया। प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए ओली को ३० दिनों के भीतर अपना बहुमत साबित करना होगा। ६ मई को जब एनसीपी माओवादी केंद्र ने अपना समर्थन वापस ले लिया तो ओली के नेतृत्ववाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार अल्पसंख्यक हो गयी। उसके बाद १० मई को ओली की पार्टी विश्वास मत हर गयी, जब ओली ने आवश्यक १३६ में से केवल ९३ वोट हासिल किए। विश्वास मत हासिल करने के लिए २७५ सदस्योंवाले नेपाल के हाउस ऑफ़ रेप्रेसेंटेटिव्स में १३६ वोट की जरुरत होती है। १२४ सदस्यों ने ओली के खिलाफ मत दिया, जिसके कारण उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा।
जब ओली की पार्टीने विश्वास मत खो दिया, तब राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने विरोध पक्षों को गठबंधन सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। नेपाल के संविधान के आर्टिकल ७६ (२) के तहत उन्हें १३ मई, गुरुवार को रात ९ बजे तक के समय में अपना बहुमत साबित करना था। एनसीपी के अलावा नेपाल कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी दो मुख्य मान्यता प्राप्त दल है।
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