IIT-G शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर रोग को 10 साल तक विलंब करने के तरीके विकसित किए
गुवाहाटी, मई २३: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी (IIT-G) के शोधकर्ता ने मस्तिष्क में न्यूरोटॉक्सिक अणुओं (पेप्टाइड) का संचय, जिससे स्मृति हानि हो सकती है, को रोकने का तरीका ढूंढा है। १९९८-२०११ के बीच हज़ारों संभावित दवाएं विफल रही है। पाँच साल के अनुसंधान के बाद, इन शोधकर्ताओं ने neurodegenerative molecules के गठन और संचय को रोकने की तकनीक खोजी है। इस तकनीक से एकत्रीकरण १७ - ३५% तक कम होता है, जिससे बीमारी की शुरुआत होने में लगभग १० साल तक की देरी होती है। उन्होंने छल का रास्ता अपना कर “Trojan peptides” डिज़ाइन किया है, जैसे ट्रॉय पर जित के लिए ट्रोजन घोड़े ने प्राचीन यूनानियों के लिए किया था, और
इस एकत्रीकरण को रोकने के लिए बाहरी विद्युत या चुंबकीय क्षेत्र का अनुप्रयोग किया है। हालाँकि, मानव उपचार में इसे लाने से पहले बहुत से नैदानिक परीक्षण अभी बाकी हैं।
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