Covid योद्धाओं की रक्षा की गयी
दिल्ली, अप्रैल २२ : आप मे से कुछ लोग यह जानकर हैरान होंगे की डॉक्टरों, नर्सो और अन्य स्वस्थ्य-कर्मी (healthworkers) खुद खतरा मोल के भी मरीज़ों की सेवा करते है। और जब बात वायरस के खिलाफ लड़ाई की हो, तब तो यह बड़ा बहादुरी का काम है। फिर भी, पिछले कुछ दिनों में, इन में से कुछ स्वास्थ्य-कर्मी, मरीज़ो के हमले का शिकार हुए है।
इन्हे ऐसे दुर्व्यवहार से बचाने के लिए, सरकार ने एक अध्यादेश (ordinance)को अधिसूचित (notify) किया है। (एक इंटरिम कानून, जो के काम शुरु करने के ७ हफ्तों में, संसद द्वारा पारित (pass) किया जायेगा) इस अध्यादेश के कारण,
- यदि कोई डॉक्टर या किसी स्वस्थ्य-कर्मी को चोट पहुंचाता है, तो ऐसे केस को फ़ास्ट ट्रैक्ट किया जायेगा। केस की छानबीन ३० दिनों में पूरी की जाएगी और कोर्ट एक साल के भीतर अपना फैसला सुनायेगी।
- ऐसे मामलों के लिए सज़ा के तौर पर ३ महीने से ५ साल तक जेल और रु. ५०,००० से रु. २,००,००० तक का जुर्माना हो सकता है।
- गंभीर मामलों में जेल अवधि ६ महीने से ७ साल तक और जुर्माना १,००,००० रु. से ५,००,००० रु. तक हो सकता है।
- अगर किसी वाहन को नुकसान हुआ तो उस वाहन की बाज़ारी कीमत से दुगनी रकम का जुर्माना हो सकता है।
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