दूर के को पास पहुंचावे
तार बंधे पर नजर न आवे.
का सखी, रिश्ता?
न सखी, फ़ोन!
***********
मन से उपजे, नैन बसावे,
याद करूँ तो याद ना आवे.
का सखी, बचपन ?
ना सखी, सपना!
********
तार बंधे पर नजर न आवे.
का सखी, रिश्ता?
न सखी, फ़ोन!
***********
मन से उपजे, नैन बसावे,
याद करूँ तो याद ना आवे.
का सखी, बचपन ?
ना सखी, सपना!
********
No comments:
Post a Comment
The Childrens Post LOVES comments.. a typo that you noticed, a fun quiz, a good quote that made your day.. anything that you want to see us write about... go, on, just tell us!