यह खबर एम्पावर यंग जर्नलिस्ट अनिरुद्ध भार्गव की है
नई दिल्ली, 6 मई: अत्यधिक पौष्टिक और ग्लूटन फ्री होने के कारण मिलेटस अत्यधिक लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। वे भारत के अद्वितीय कृषि उत्पाद हैं जिनकी वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण मांग है। गंगा के बर्फीले पानी से हिमालय की ढलान पर उत्तराखंड में उगाए जाने वाले जैविक बाजरा की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की जाएगी। UKAPMB (उत्तराखंड कृषि उपज विपणन बोर्ड) और Just Organik के साथ APAPA (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) ने निर्यात के लिए किसानों से प्रसंस्कृत रागी (finger millet) और झिंगोरा (barnyard millet) लिए है, जो यूरोपीय संघ के जैविक प्रमाणीकरण मानकों को पूरा करता है ।
निर्यात किए जाने वाले प्रमुख जैविक उत्पादों में oil cake meal, तेल वाले बीज, फलों के गूदे, बाजरा, मसाले, चाय, औषधीय पौधे उत्पाद, सूखे मेवे, चीनी, दालें, कॉफी और आवश्यक तेल शामिल हैं। इन्हें दुनिया भर के 58 देशों में निर्यात किया जाता है। ये निर्यात कई किसानों का समर्थन करते हैं जो जैविक खेती में हैं।
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