पश्चिम और दक्षिण-पूर्व तटों पर पाए जाते हैं
भटिंडा, 30 मार्च: पंजाब के केंद्रीय विश्वविद्यालय के समुद्री जीवविज्ञानी (महासागरों में जीवन का अध्ययन करने वाले लोग) ने समुद्री शैवाल की दो नई प्रजातियों की खोज की है। ये कन्याकुमारी (तमिलनाडु), शिवराजपुर (गुजरात), सोमनाथ पठान (गुजरात) और दमन और दीव (गुजरात) में पाए गए हैं। इन प्रजातियों को हाइपनिया बुलैटा(Hypnea bullata) और हाइपनिया इंडिका(Hypnea indica) नाम दिया गया है। हाइपनिया इंडिका को गुजरात के शिवराजपुर और सोमनाथ पठान में खोजा गया जबकि हाइपेनिया बुलैटा की खोज दमन और दीव के समुद्र तट के पास की गई। कन्याकुमारी में दोनों किस्में पाई गई हैं।
इन समुद्री शैवाल का आर्थिक महत्व है। Hypnea प्रजाति में Carrageenan, एक बायोमॉलिक्यूल होता है जो खाद्य उद्योग में उपयोग किया जाता है। जब इसे, आइसक्रीम, दही, पनीर, सोया दूध और अन्य प्रसंस्कृत वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थों में डाला जाता है तो यह उनकी बनावट को और अधिक बेहतर बनाता है।
समुद्री शैवाल क्या हैं?
समुद्री शैवाल, काई(algae) हैं जो लगभग सभी जल निकायों(water bodies) में उगते हैं। विभिन्न प्रकार के समुद्री शैवाल होते हैं। उनके विभिन्न आकार, माप और रंग होते हैं। वे लाल, भूरे, काले और हरे रंगों में आते हैं। लाल और भूरे रंग के समुद्री शैवाल ज्यादातर नमकीन पानी में उगते हैं जबकि हरे रंग के समुद्री शैवाल ज्यादातर ताजे पानी में उगते हैं। कुछ समुद्री शैवाल खाने योग्य भी होते हैं! चीनी, जापानी, कोरियाई और कई अन्य व्यंजनों में समुद्री शैवाल का उपयोग किया जाता है।
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