Saturday, 27 March 2021

सुएज़ कैनाल और उसके ब्लॉकेज के बारे में सारी जानकारी / Everything about the Suez Canal and its blockage

 सुएज़ कैनाल और उसके ब्लॉकेज के बारे में सारी जानकारी 



कैरो, मार्च २६: जब हमारी दुनिया को परिवहन से जोड़ने की बात आती है, तब महासागरों और समुद्रों एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महासागरीय यातायात मुख्य रूप से कार्गो (वायु, भूमि, या द्वारा परिवहन किए गए सामान) शिपिंग, जो कि बड़ी जहाजों में कंटेनर द्वारा ले जाया जानेवाला सामान है, के जरिए होती है। दस प्रतिशत समुद्री माल सुएज़ कैनाल से होकर गुजरता है। कैनाल या नहर एक कृत्रिम जलमार्ग है, जिसका निर्माण परिवहन और सिंचाई के उदेश्य से किया गया है। सुएज़ कैनाल मिस्र से गुजरते हुए उत्तर में भूमध्य समुद्र और दक्षिण में लाल सागर को जोड़ती है। यह 192 किलोमीटर लंबी है और सबसे संकीर्ण बिंदु पर 300 मीटर चौड़ी है। ग्रेट बिटर झील इसके मार्ग में  पड़ता है। 

अफ्रीका की प्रदक्षिणा किये बगैर यूरोप को भारत और ऑस्ट्रेलिया से वैकल्पिक समुद्री मार्ग से जोड़ने के लिए इस नहर को बनाया गया था। 


यह एक शॉर्टकट है, जिसने जहाजों द्वारा यात्रा की जाने वाली दूरी को 20,900 किमी से घटाकर 12,000 किमी कर दिया है। यह दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक है, जहाँ से प्रति दिन लगभग 51 जहाज गुजरतें है। इसे पार करने के लिए एक जहाज को सोलह घंटों का समय लगता है। 

इतिहास 

मिस्र से होकर गुजरने वाली एक नहर का विचार हजारों वर्षों से अस्तित्व में है। हालांकि, इसे बनाए रखना मुश्किल था चूंकि खोदी गई नहर को रेगिस्तानी रेत पुनः प्राप्त कर लेती। इसके वर्तमान आकरऔर रूप में नहर का निर्माण 1859 में शुरू हुआ और 1869 में पूरा हुआ। इसका निर्माण और रखरखाव सुएज़ नहर प्राधिकरण द्वारा फर्डिनेंड डे लेसेप्स के नेतृत्व में और ब्रिटिश व फ्रेंच शरधारको के स्वामित्व में हुआ था। मिस्र के मजदूरों ने इसे बड़ी मुश्किल से बनाया। पूरा होने के बाद, उपनिवेशवाद, विश्व युद्ध, वैश्विक व्यापार सहित इसने वैश्विक घटनाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमे यह भी याद रखना चाहिए कि नहर का निर्माण करना के कारण विशाल पर्यावरण लागत का भुगतान भी करना पड़ा, क्यूंकि दो समुद्रों के जुड़ने के बाद उनकी पारिस्थितिकी भी प्रभावित हुई। 

1967 में, सुएज़ नहर प्राधिकरण के स्वामित्व को एक संक्षिप्त युद्ध और अंतर्राष्ट्रीय राजनयिक स्तरों पर गहन विचार-विमर्शके बाद मिस्र में स्थानांतरित कर दिया गया था । संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से क्षेत्र में शांति बहाल करने में मदद मिली।

महत्त्व

Image of the blockage as seen from spaceFrom Twitter of @AirbusSpace


आज, मिस्र को नहर से गुजरने वाले जहाजों से राजस्व प्राप्त होता है। सभी प्रकार के और देशों के जहाजों को युद्ध और शांति के समय में इससे गुजरने की अनुमति दी जाती है। इस नहर के माध्यम से पहुँचाये जानेवाले माल में अरब खाड़ी से यूरोप तक जानेवाली कच्चे तेल की निर्यात है। इसके निर्माण के बाद से जहाजों के बढ़ते हुए आकारों को ध्यान में रखते हुए नहर का भी (चौड़ाई में) कई बार विस्तार किया गया है। अन्यथा भी, निरंतर अनावश्यक रेत को रोकने के लिए ड्रेजिंग की आवश्यकता होती है। अंतरिक्ष से आसानी से दिखनेवाली मानव निर्मित संरचना में से सुएज़ नहर भी है। 

हाल की घटनाएं

24 मार्च, 2021 को, एवरग्रीन नामक एक मालवाहक जहाज नहर में फंस गया, जिससे नाकाबंदी और
ट्रैफ़िक जाम हुआ। जब जहाज नहर की सबसे संकरी जगह से गुजर रहा था, तब हवा के तेज झोंके ने इसे अपने मार्ग से भटका दिया। जहाज एफिल टॉवर की ऊंचाई से अधिक लंबा है, इसलिए इसे हटाना काफी चुनौतीपूर्ण है। इससे आर्थिक क्षेत्रों में कुछ चिंता पैदा हुई है क्यूंकि माल और तेल की शिपमेंट को बंद किया गया है। जहाज को हटाने और यातायात को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। 

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