सरकार ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स प्रकाशित किये
उपभोगता के अधिकारों को मज़बूत और सुरक्षित बनाने के लिए
नई दिल्ली, फरवरी २६: हम सभी ने 'सोशल मीडिया' शब्द कई बार सुने है। कई आभासी नेटवर्क या आभासी समुदायों से सोशल मीडिया बनता है, जो उपयोगकर्ताओं को सूचना और विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाता है। उपयोगकर्ताओं की बातचीत कंप्यूटर, टेबलेट और स्मार्टफोन पर वेब एप्लीकेशन के उपयोग से होता है।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कुछ उदाहरण फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, व्हाट्सएप, ट्विटर और यूट्यूब हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MEITY) ने भारत में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले लोगों के बारे में डेटा जारी किया है। उनके बयान के अनुसार, 53 करोड़ व्हाट्सएप उपयोगकर्ता, 44.8 करोड़ यूट्यूब उपयोगकर्ता, 41 करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ता, 21 करोड़ इंस्टाग्राम उपयोगकर्ता और 1.75 करोड़ ट्विटर उपयोगकर्ता हैं।
ऐसी बहुत सी जानकारी है जो सोशल मीडिया में घूमती रहती है और इस पर कोई नियंत्रण या जाँच नहीं होती है कि कौन सी सही जानकारी है और कौन सी नकली है और किसने गलत सूचना दी है।
आम उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए, उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा करने, और उनके सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करना, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जो उपयोगकर्ताओं को शिकायतों के निवारण और समय पर समाधान के लिए एक नए तंत्र के साथ सशक्त बनाते हैं। शिकायत निवारण नागरिकों और उपभोक्ताओं की शिकायतों की प्राप्ति और प्रसंस्करण है।
सोशल मीडिया मध्यस्थों को उपलब्ध सामग्री के उपयोग के लिए अधिक जवाबदेह होने के लिए कहा गया है। एक सोशल मीडिया मध्यस्थ वह होता है जो उपयोगकर्ताओं के बीच ऑनलाइन बातचीत संभव बनाता है और उन्हें अपनी सेवाओं का उपयोग करके जानकारी बनाने, अपलोड करने, साझा करने और एक्सेस करने की अनुमति देता है।
यह नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों को से किसी भी अपराध की रोकथाम, पता लगाने, जांच, अभियोजन या सजा के प्रयोजनों के लिए सूचना के 'पहले प्रवर्तक' की पहचान करने के लिए कहते हैं।
इसके अतिरिक्त, सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया कंपनियों के पास उपयोगकर्ताओं से शिकायतों को स्वीकार करने और हल करने के लिए एक तंत्र हो। शिकायत अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर शिकायतों की प्राप्ति को स्वीकार करने और इसकी प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करने के लिए कहा गया है।
नए नियमों में से एक यह निर्दिष्ट करता है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे कि नेटफ्लिक्स, डिज्नी+ और अमेज़ॅन प्राइम को उम्र की उपयुक्तता के आधार पर सामग्री को आत्म-वर्गीकृत करने की आवश्यकता है। यह हाल ही में और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि इन प्लेटफार्मों पर बहुत सारी सामग्री सीधे जारी की जा रही है।
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