२०२० में भारत में तेल उत्पादों की ख़पत गिरी
गैसोलीन, जेट ईंधन, डीजल, और अन्य उत्पादों की मांग में १०.८% की कमी
दिल्ली, जनवरी १३: पेट्रोलियम उत्पाद पृथ्वी के मूल से निकाले गए कच्चे तेल पर आधारित उत्पादों का एक समूह
हैं। कोयले की तरह, करोड़ों वर्षों में पौधों और जानवरों, जो लाखों साल पहले रहते थे, के अवशेष से कच्चे तेल का निर्माण होता है। यह कच्चा तेल (जिसे हाइड्रोकार्बन भी कहा जाता है) विशेष मशीनों का उपयोग कर निकाला जाता है। इसके बाद उस पर प्रोसेसिंग होती है, और उन्हें हमारे उपयोग के उत्पादों, जैसे कि पेट्रोल, डीज़ल, जेट फ्यूल, आदि में परिवर्तिति किया जाता है।
2020 में, मार्च में शुरू हुए एक सख्त लॉकडाउन के कारण, बहुत से लोग अपने निजी वाहन का उपयोग नहीं कर सकते थे। उद्योगों में भी प्रोडक्शन काफी कम था।
भारत ने २०१९ के मुकाबले १०.८% कम तेल उत्पादों का उपयोग किया। ब्लूमबर्ग, अन्वेषण एजेंसी जिसने यह शोध की है, उनके हिसाब से, १९९९ के बाद पहली बार तेल उत्पादों की मांग में कमी आयी है। लेकिन, अब धीरे धीरे लॉकडाउन हटने के बाद मांग में फिरसे उछाल आया है। दिसंबर २०१९ के मुकाबले दिसंबर २०२० में मांग केवल १.८ % कम थी।
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