भारत का पहला परागण पार्क उत्तराखंड में खुला
भारत, जनवरी २: उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विभाग ने भारत का पहला परागणकर्ता (प्राणी/कीटक जो परगन में मदद करते है) पार्क हल्द्वानी में खोला। यहाँ ४० से अधिक प्रजाति की तितलियाँ, मधुमखियां, पक्षी और कीटक है। यह रंगबिरंगा उद्यान ४ एकर जमीन पर फैला हुआ है। इस बाग़ को बनाने का हेतु इन प्रजातियों का संरक्षण करना है और इनका संरक्षण कितना आवश्यक है, इसके बारे में लोगों को जागृत करना है। इससे शोधकर्ताओं को परागण के विभिन्न पहलुओं, उनके आवास के लिए खतरा, और इन परागणकर्ताओं पर प्रदूषण का प्रभाव, इन विषयों पर अध्ययन करने में भी मदद मिलेगी। प्रगणकर्ताओं को आकर्षित करने और उनकी मदद करने के लिए पार्क में एक अनुकूल वातावरण बनाया गया है। तितलियों के कीचड़ उछाल के लिए छोटे जल निकाय बनाये गये है, जो उन्हें कुछ पोषक तत्व प्रदान करता है। गेंदा और गुलाब जैसे फूलों के अमृत वाले पौधे मधुमखियों और तितलीयों को आकर्षित करने के लिए उगाये गए है। कुछ तितली की प्रजाति को आकर्षित करने के लिए काटे हुए फल भी रखे जाते है। पक्षियों के लिए खाद्यान्न और घोंसले के साथ बर्ड फीडर रखे गए हैं। प्रकृति के लिए परागणक अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पृथ्वी पर सभी फूलों वाले पौधों में से लगभग 75% से 95% को पुन: उत्पन्न करने के लिए परागणकों की आवश्यकता होती है।
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