इसका माप 0.4 इंच से अधिक नहीं है
चेन्नई, 13 दिसंबर: नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नन्हा रोबोट विकसित किया है जो मानव शरीर के अंदर जाकर रासायनिक प्रक्रियाओं को अंजाम दे सकता है। यह 0.4 इंच से अधिक बड़ा नहीं है और ज्यादातर नरम पानी से भरे जेल से बना है और इसमें जटिल इलेक्ट्रॉनिक्स नहीं है। इसके अंदर का कंकाल निकल फिलामेंट्स(nickel filaments) से बना है।
इसे जिस दिशा में जाना होता है, उस दिशा में चुंबकीय क्षेत्र को पिन करके रोबोट की गति को नियंत्रित किया जाता है। नरम हाइड्रोजेल को रासायनिक रूप से प्रकाश की प्रतिक्रिया देने के लिए संश्लेषित(synthesized) किया जाता है। इसके चार पैर हैं जो प्रति सेकंड एक कदम ले सकते हैं बिल्कुल मानव के चलने की गति की तरह और एक बाहरी स्रोत द्वारा इन्हे नियंत्रित किया जाता है। इसके पैरों का उपयोग रासायनिक कार्गो को लेने और गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। वहां यह रसायन को छोड़ने और प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए "ब्रेकडांस" करता है (चूंकि प्रकाश और चुंबकीय क्षेत्र संयुक्त रूप से इसे कठोर और फिर ढीला बनाता है - इसे ब्रेकडांसिंग कहा जाता है)। अनुसंधान टीम निकट भविष्य में विशिष्ट ऊतकों(tissues) को वास्तविक रसायन देने के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में इस रोबोट का उपयोग करने के लिए उत्सुक है।
No comments:
Post a Comment
The Childrens Post LOVES comments.. a typo that you noticed, a fun quiz, a good quote that made your day.. anything that you want to see us write about... go, on, just tell us!