नासा का हबल टेलीस्कोप फिरसे काम करता हुआ
वाइट ड्वार्फ विस्फोट देखा गया
बोस्टन, अक्टूबर ३: नासा के हबल टेलीस्कोपने स्पाइरल गैलेक्सी NGC2525, जो ७० मिलियन प्रकाशवर्ष दूर स्थित है, के वाइट ड्वार्फ तारे के अंतिम दिनों को देखा।
नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी मिलकर हबल टेलीस्कोप को चलते है और उन्होंने सुपरनोवा के लुप्त होते प्रकाश का टाइम-लैप्स वीडियो प्रकाशित किया है।
टाइम-लैप्स फोटोग्राफी / वीडियोग्राफी एक ऐसी तकनीक है, जो समय को गति प्रदान करती है। यह तकनीक हमें
कुछ ही सेकंड में घंटों या दिनों या यहां तक कि वर्षों की रिकॉर्डिंग को संक्षिप्त करने देती है।
सुपरनोवा तब होता है जब एक विशाल तारे का विस्फोट होता है। यह आमतौर पर तब होता है जब तारा अपने गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध अपने कोर को धारण नहीं कर सकता है। कोर ढह जाती है और फट जाती है। इंसानो द्वारा देखा गया सबसे बड़ा विस्फोट है सुपरनोवा। प्रत्येक विस्फोट एक तारे का अत्यंत चमकीला, सुपर-शक्तिशाली विस्फोट होता है। हबल टेलीस्कोप ने पहली बार फरवरी २०१८ में SN 2018gv नामक सुपरनोवा को देखना शुरू किया था। टाइम-लैप्स वीडियो में लगभग पुरे वर्ष के हबल टेलीस्कोप के अवलोकन को शामिल किया गया है।
सुपरनोवा ने शुरू में अपनी चमक से मेजबान आकाशगंगा के अन्य सितारों को पीछे छोड़ दिया। नासा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "जब कोई तारा कई दिनों में उतनी ऊर्जा फैलाता है जितना कि हमारा सूर्य कई अरब वर्षों में करता है, तो आप जानते हैं कि यह लंबे समय तक दिखाई नहीं देगा।"
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