जर्मनी में 'वार्नटैग - राष्ट्रीय चेतावनी दिवस' मनाया गया
नव निर्मित राष्ट्रीय चेतावनी दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाएगा
जर्मनी, सितम्बर १२: कल्पना करिये की हज़ारो सायरन एक साथ ज़ोर से बज रही है! यक़ीनन इंसान यही सोचेगा की कहीं कुछ सही नहीं है और वह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कमर कस लेगा।
बिलकुल इसी सोच के साथ १० सितम्बर को जर्मनी में फ़ेडरल ऑफिस फॉर प्रोटेक्शन एंड डिजास्टर रिलीफ ने सिविल अलार्म सिस्टम का राष्ट्रव्यापी परिक्षण किया। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद पहली बार ऐसा परीक्षण किया गया है।
सुबह ११ बजे किकियाते हुए सायरन के साथ, लोगों के स्मार्टफोन पर आपातकालीन सूचनाएं भेजी गयी और डिजिटल बिलबोर्डस पर भी चेतावनी संदेश प्रदर्शित किए गए थे। लगभग २० मिनिट तक यह कवायद जारी रही। किसी भी प्रकार के आतंक को रोकने के लिए राज्य अधिकारीयों ने स्कूलों, देखभाल केंद्रों और शरणार्थियों के लिए आश्रय को अग्रिम सुचना दी थी।
निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, सायरन का स्वर देश के निवासियों को स्थिति की प्रकृति - चाहे वह किसी आपात स्थिति की शुरुआत हो या अंत - की पहचान करने में मदद करेगा।
हालांकि परीक्षण में कुछ खामियां थीं क्योंकि या तो सभी अलार्म सिस्टम काम नहीं कर रहे थे या ओवरलोड के कारण पुश नोटिफिकेशन भेजने में देरी हो रही थी, हालांकि इससे निवासियों को राष्ट्रीय आपातकाल में क्या होगा, इसके बारे में संवेदनशील बनाने में मदद मिली और साथ ही देशभर की चेतावनी प्रणालियों का तकनीकी परीक्षण भी हो गया।
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