WWF लिविंग प्लेनेट 2020 रिपोर्ट में खुलासा हुआ
स्विटजरलैंड, 13 सितंबर: द लिविंग प्लेनेट इंडेक्स (एलपीआई) के अनुसार मछली, पक्षी, स्तनधारी(mammals), उभयचर(amphibians) और सरीसृपों( reptiles) की आबादी, 50 साल से कम (1970-2016) में 68% की औसत से गिर गई है। मीठे पानी में रहने वाले ग्रह सूचकांक(Freshwater Living Planet Index) से पता चलता है कि हमारे मीठे पानी की जैव विविधता (biodiversity) हमारे महासागरों या जंगलों के मुकाबले तेज़ी से घट रही है। मीठे पानी की प्रजातियों में 84% की गिरावट पाई गई है , जो कि 1970 के बाद से प्रति वर्ष 4% के बराबर है।
लिविंग प्लेनेट इंडेक्स (एलपीआई)(Living Planet Index (LPI)), वर्टिब्रेट(vertebrate) प्रजातियों की स्थलीय, मीठे पानी और समुद्री आवास की जनसंख्या के रुझान के आधार पर दुनिया की जैविक विविधता की स्थिति बताता है।
रिपोर्ट के अनुसार जैव विविधता में गिरावट के लिए दो प्रमुख कारण है: संसाधनों का अधिक उपयोग और भूमि उपयोग परिवर्तन।
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