Monday, 11 May 2020

Flies sleep when need arises to adapt to new situations / मक्खियाँ तब सोती हैं, जब नई परिस्थितियों को अपनाने की जरूरत होती है

मक्खियाँ तब  सोती हैं, जब नई परिस्थितियों को अपनाने  की जरूरत होती है

मिसौरी (यूएसए), 10 मई: वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक नए अध्ययन के अनुसार, जब फल मक्खियां उड़ने में सक्षम नहीं होते हैं तो वे अधिक सोती हैं, संभवतः क्योंकि नींद उन्हें अपनी नई विकलांगता के साथ समायोजित (adjust) करने में मदद करती है।

फल मक्खियों की नींद का पैटर्न मनुष्यों के समान हैं। युवा मक्खियाँ बूढ़ी  मक्खियों की तुलना में अधिक सोती हैं, लेकिन जैसे-जैसे वे बड़ी होती जाती हैं, नींद की उनकी ज़रूरत कम होती जाती है। वो मक्खियाँ जो एक दिन तक जगी रहती हैं, अगले दिन सो जाती हैं । मनुष्यों की तरह, कैफीन मक्खियों को भी जागृत रखता है, जबकि एंटीहिस्टामाइन (antihistamine) उन्हें सुस्त बनाता है। एंटीहिस्टामाइन एलर्जी का इलाज करने की दवा है, जिसको  लेने के बाद लोगों को नींद आ जाती है।

नींद, मनुष्यों में सीखने और विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और यह शोध मक्खियों के लिए भी समान पाया जाता है। इन समानताओं से वैज्ञानिकों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों और नींद के पैटर्न के बीच संबंधों को  पता लगाने में मदद मिलेगी।


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