Tuesday, 29 October 2019

Hindi Poem about the Newspaper by Ramesh Kumar Singh

हॉकर भैया लाकर देते, 
रोज सुबह अखबार 

दादाजी को बहुत प्रिय है 
सुबह सुबह अख़बार 

सबसे पहले पढ़ते हैं वे 
सब ख़बरों का सार 

फिर पढ़कर वे हमें सुनाते 
खबरें लच्छेदार 

दादाजी कहते दुनिया का 
दर्पण है अखबार 

तुम भी अपना ज्ञान बढ़ाओ 
रोज़ पढ़ो अखबार। 
- रमेश कुमार सिंह 


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