Sunday, 1 September 2019

Hindi Poem on Teacher


जब  हम पहले आते स्कूल 
माँ बाबा को जाते भूल 
टीचर हमको लाड लड़ाती 
कितने खेल हमें खिलातीं 


जब हम आते पहली में 
कितना बतियाते सेहली से 
वो ऊपर से आँख दिखाती हैं,
पर अंदर से मुस्काती हैं 


जब हम आते छठी में 
हो जाते थोड़े हठीले 
बस्तों के बोझ बढ़ जाते हैं 
और टीचर हमें बचाते हैं 


देखो अब तो दसवीं है 
कमर सबने कस ली है 
दिन रात आँखें जलाते हैं,
ये नैया पार कराते हैं 


फिर आता दिन जाने का 
इन सब से दूर हट जाने का,
जब दुनिया से टकराते हैं,
तब टीचर, बहुत याद आते हैं.

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