Friday, 20 September 2019

Hindi Kavita

गीली मिट्टी

बारिश की बूँदें पड़ते ही
मिट्टी की खुशबू आती है
संग अपने वह सुन्दर से
सपने अनेकों लाती है
सोचो अगर कुम्हार को
मिट्टी  यह गीली मिल जाये तो
मटकी, हाँडी, गुड़िया, खिलोने,
क्या-क्या गज़ब कर जाये वो
कुम्हार सा है जीवन अपना
गीली मिट्टी जैसे हम
खुद ही बनना, खुद ही सँवरना
अपने हाथ में है यह दम

No comments:

Post a Comment

The Childrens Post LOVES comments.. a typo that you noticed, a fun quiz, a good quote that made your day.. anything that you want to see us write about... go, on, just tell us!