Saturday, 31 October 2020

The Children's Post, 1st Nov 2020

 Hola Amigos,

Why should only November 14th be Children’s day? Myself and Monica Aunty felt we should dedicate all Sunday’s of November to children, especially juniors. Wouldn’t you enjoy it? 


The Sunday fun sets in from Page 2 and of course special mentions : 
1. Katha Korner : Rani Chand.
2. Artist of the day : Vaidehi Agarwal 
3. Name the bird : Shivani Manivannan

Enjoy the fun filled edition. 
-Shruthi & Monica

ऑक्टोपस छूकर कैसे अपने खाने का स्वाद चखते है ?/How do Octopuses Taste Their Meal by Touching Them?

 ऑक्टोपस छूकर कैसे अपने खाने का स्वाद चखते है ?

बोस्टन, अक्टूबर ३०: ऑक्टोपस आकर्षक प्राणी हैं। उनकी आठ भुजाएँ हैं जिन पर सकर्स की दो पंक्तियाँ हैं। ऑक्टोपस की बाहों पर सक्शन कप को सकर्स कहा जाता है। ऑक्टोपस अपने एक शिकार या अन्य वस्तुओं के चारों ओर लपेटने के लिए अपनी बाहों का उपयोग करते है। ऐसा करते समय, वह अपने शिकार को छूते भी है और चखते भी। वैज्ञानिक अब यह शोध कर रहे हैं कि ऑक्टोपस कैसे अपने "स्पर्श-स्वाद" की भावना का उपयोग करते हैं, उनके सकर्स पर स्थित संवेदी रिसेप्टर्स को सक्रिय करते हैं। अध्ययन इस बात की नई जानकारी प्रदान करता है कि यह जीव कैसे अपने लंबे लचीले टेंटाक्लेस का उपयोग करके उनके आसपास के जल में खतरे और खुशी दोनों की व्याख्या कर सकते है। 

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आणविक और सेलुलर जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर निक बेलोनो ने कहा, "वे हमेशा अपने पर्यावरण की खोज कर रहे हैं। व्यावहारिक रूप से ऑक्टोपस एक बड़ी मांसपेशी हैं।"

छोटा दुष्ट ग्रह मिला / Tiny Rogue Planet Found

 छोटा दुष्ट ग्रह मिला 

सबसे छोटा फ्री-फ्लोटिंग एक्सोप्लेनेट का उमीदवार 



बोस्टन, अक्टूबर ३०: खगोलविदों को अब तक का सबसे छोटा "दुष्ट ग्रह" का उमीदवार मिला।  दुष्ट ग्रह एक ग्रह-द्रव्यमान वस्तु है, जो किसी तारे की सीधी परिक्रमा नहीं करता है। ऐसी वस्तुओं को जिन ग्रहप्रणाली से उनका गठन हुआ होता है, उसमे किसी भी ग्रह के साथ गुरुत्वाकर्षण का बंधन नहीं होने के कारण, बहार निकल दिया गया होता है। 

जो ग्रह खोजा गया है, वह अंदाज़े से पृथ्वी से छोटा है और अपनी आकाशगंगा में, किसी भी ग्रह से बंधे बिना भ्रमण करता है।  संभावित एक्सोप्लेनेट द्रव्यमान में पृथ्वी और मंगल गृह के बीच है, जो हमारी दुनिया का महज १०% है। 

"हमारी खोज दर्शाती है कि कम-द्रव्यमान वाले फ्री-फ़्लोटिंग ग्रहों का ज़मीन-आधारित दूरबीनों का उपयोग कर के पता लगाया जा सकता है", आंद्रजेज उडलस्की, जो इस नए अध्ययन की घोषणा के सह-लेखक है और ऑप्टिकल ग्रेविटेशनल लाइंसिंग एक्सपेरिमेंट (ओईएलईएल) प्रोजेक्ट के  प्रमुख अन्वेषक हैं, उन्होंने एक बयान में कहा।

The Children's Post, 31st October 2020

 Hello Curious Minds,

Learn about the rogue planet that is found in our milky way and then about octopuses on the news page. 
The Acropolis of Athens is an interesting place about which Pravar Mukkala has written this week. 
As today is Halloween we have few special artworks by Angad Singh, Aadya Verma, and Sahil Sharma.
Praneeth brings the information related to Niger as part of the Countries of the World series.
Along with these, we have interesting Grandma's corner, your favorite Make-up the Close-up, fun fact in 'did you know?', quote of the day, sports news, and Artist's corner by Ameya.
Don't forget to read about today's moon in the editorial and enjoy your weekend!!

~Poornima
www.mytcp.in

Friday, 30 October 2020

अंटार्कटिका में विशालकाय आकार के बोनी टूथेड सी बर्ड्स के दो जीवाश्म मिले /Two Fossils Of Giant Sized Bony - Toothed Sea Birds Found In Antarctica

5 से 6 मीटर विंगस्पैन के साथ एल्बेट्रॉस से दोगुना बड़ा

कैलिफोर्निया, 29 अक्टूबर: जीवाश्म विज्ञानियों की एक टीम ने सीमोर द्वीप जो कि अंटार्कटिका के उत्तरी सिरे से भी दूर है, से एकत्रित दो जीवाश्मों का अध्ययन किया है । वे समुद्री पक्षियों के समूह से संबंधित थे जिन्हें पेलगॉर्निथिड्स (बोनी-दांत वाले पक्षी) के रूप में जाना जाता था, जो 50 मिलियन साल पहले रहते थे। उनके जबड़े पर हड्डियों के जैसे अनुमान हैं जो कि तेज दांतों से मिलते जुलते हैं, हालांकि वे सच्चे दांत नहीं  (नकली दांत) हैं जो उन्हें समुद्र से स्क्विड (squid)और मछली पकड़ने में मदद करते हैं। उनके पैर की हड्डी को टार्सोमेटेटारस(tarsometatarsus) कहा जाता है। छद्म दांतों(pseudo teeth) वाले निचले जबड़े का मध्य भाग जो कि 3 सेमी लंबा था, का अध्ययन किया गया और यह अनुमान लगाया गया कि उनकी खोपड़ी 60 सेमी लंबी रही होगी। इस पैमाने पर पक्षी के पंख 5 से 6 मीटर के होते थे, जो उन्हें सबसे बड़े विशालकाय समुद्री पक्षियों में से एक बनाते थे, जो उन दिनों समुद्र पर शासन करते थे।



ग्रेट बैरियर रीफ में 500 मीटर लंबा कोरल रीफ मिला /A 500 Meter Tall Coral Reef Found In Great Barrier Reef

 एफिल टॉवर से अधिक लंबा

ऑस्ट्रेलिया, 29 अक्टूबर: ऑस्ट्रेलिया के आसपास के समुद्र की खोज करते हुए, ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने  500 मीटर से अधिक लंबे एक अलग कोरल रीफ की खोज की है जो कि दुनिया की कुछ सबसे ऊंची इमारतों की तुलना में भी अधिक बड़ा है । यह 120 वर्षों में पहली बार खोजा गया । यह ऑस्ट्रेलियाई राज्य क्वींसलैंड के पास ग्रेट बैरियर रीफ के समुद्र में तट से दूर  केप यॉर्क क्षेत्र में पाया गया था।

 अंडरवाटर रोबोट - सुबास्टियन ने इस नई रीफ की खोज की। ब्लेड जैसी रीफ का आधार 1.5 किलोमीटर चौड़ा है जो समुद्र की सतह से 40 मीटर नीचे 500 मीटर तक बढ़ जाती है। इसमें स्पंज, समुद्री पंखे और नरम मूंगों की प्रचुरता है, जो कि रीफ मछली प्रजातियों के लिए एक घर के रूप में काम आते  हैं। 

द ग्रेट बैरियर रीफ दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक रूप से निर्मित कोरल रीफ सिस्टम (रीफ-बिल्डिंग कोरल की विशेषता वाला एक अंडरवाटर इकोसिस्टम) है, जो 2,300 किलोमीटर से अधिक की दूरी कवर करता है और विविध समुद्री जीवन का घर है।

 


The Children's Post, 30th October 2020

 Dear Cheerful Readers,

Monday was a long and hectic day for me. Too many things were happening at the same time and I was worried about how I will manage cleaning my house before the festival. 

Just when I was winding up for the day, I saw both my children sitting in one corner with long, sad faces. I asked them what had happened and both of them replied in unison: "It's so dull and boring this time. It does not seem like a festival. We are neither going out nor meeting people. There is no cheer, no fun, nothing is happening. We are not celebrating anything. There is nothing to do and all this is so sad." 

I could so well relate to their emotions as part of me was also feeling the same. However, being a mother I gathered courage and asked them: "So, who decides that we have a dull and boring festival? Who says that we can't have fun? Who says we are not celebrating and who says there is nothing to do? Does celebration mean only going out and meeting people? What can we do to make it bright and cheerful? Let's try and make it cheerful for each other within the house". 

Both of them were thinking and listening to me. Suddenly, the elder one asked me: "Mom, can we help you in cleaning the house?"  
I had a big smile on my face. I said, "oh yes, definitely you can!" 

The next morning, there was loud music playing in the verandah. Both of them were singing loudly and were washing the large flower vases. I saw them and smiled! 

So, what are you doing to make the festivals cheerful? Share it with us. We are waiting to hear from you!

Here’s today’s ‘what if’ challenge: What if we could choose which planet to live on?

Enjoy the edition and have a wonderful weekend ahead!

Love, www.mytcp.in


Thursday, 29 October 2020

चीन और अरंडी के बीज का कुतूहली किस्सा / The Curious Case of China and Castor Seeds

चीन और अरंडी के बीज का कुतूहली किस्सा 

दिल्ली, अक्टूबर २८:
जैसे मलेशिया और इंडोनेशिया ताड़ के तेल (palm oil) के सबसे बड़े उत्पादकर्ता है, वैसे ही भारत अरंडी के तेल (castor oil) का सबसे बड़ा निर्माता है। भारत सालाना अंदाजित ६००० करोड़ रुपए का अरंडी का तेल निर्यात करता है। हम लगभग दुनिया की 85 - 90% अरंडी के तेल और उससे बनी चीज़ों की मांग को पूरा करते है। 

इस साल, उद्योग एक अजीब घटना देख रहा है।  चीन, जो आमतौर पर अरंडी का तेल खरीदता है, वह भारी मात्रा में कच्चे अरंडी के बीज खरीदने की कोशिश कर रहा है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA), उद्योग निकाय जो निष्कर्षण (extraction)  से संबंधित है, ने वाणिज्य और उद्योग के केंद्रीय मंत्री को प्रस्ताव लिखा है। वे उद्योग मंत्री को सूचित करना चाहते है की चीन अरंडी के बीज का राष्ट्रीय भंडार निर्माण कर रहा है, और यह भी प्रस्ताव कर रहे है कि चीन को निर्यात पे कर लगाया जाये या निर्यात को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाये। 

अगर वे तेल के बदले बीज खरीद रहे है, तो उससे हमे चिंतित होने की क्या वजह है ?

१. संसाधित उत्पाद अधिक पैसा / राजस्व लाते हैं

नारियल का भाव एक किलो का ₹ 90-100 है। पर नारियल तेल ₹180 का किलो है। ऐसा क्यों? क्यूंकि किसीने नारियल में से तेल निकालने की मेहनत कि है। 
जब हम किसी चीज़ पर कुछ और मूल्य बनाने के लिए काम करते हैं, तो उसे प्रोसेसिंग या संसाधित उत्पाद कहा जाता है। 
जाहिर है, जब कोई प्रोसेस्ड तेल ख़रीदता है, तो भारत को ज्यादा राजस्व (revenue) मिलता है। 
इसके अलावा, यह निर्यात उद्योग कई लोगों को रोजगार प्रदान करने में मदद करता है।

२. कच्चा माल और महंगा होता है

राम अरंडी की खेती करता है। आमतौर पर, वह अपनी उपज को ₹40 प्रति किलो पर अरंडी तेल मिल को बेचता है। अब एक चीनी खरीदार आता है और प्रति किलो ₹45 प्रदान करता है। अब अरंडी तेल मिल को या तो दाम बढ़ाना पड़ेगा या उत्पादन को भूलना होगा। यदि मिल मालिक उस कीमत से मेल खाता है, तो कच्चे माल की उसकी लागत तुरंत 12.5% (5 ₹ प्रति किग्रा) द्वारा बढ़ जाती है।

तो, क्या यह किसानों के लिए फायदेमंद नहीं?

हाँ। इस साल मई-जून से अरंडी की कीमतें बढ़ रही हैं। प्रति क्विंटल मूल्य (1 क्विंटल= 100 किलोग्राम) जो जून में लगभग ₹3600 थी और अब लगभग ₹4200 है। लेकिन, कुल मिलाकर, एक देश के लिए प्राथमिक (कृषि) उत्पादन की तुलना में प्रसंस्कृत माल बेचना अधिक लाभदायक है, क्योंकि संसाधित वस्तुओं पर मार्जिन अधिक है।

अरंडी के बारे में:
अरंडी भारत की खरीफ़ फसल है। इस साल, एक अंदाज़े के मुताबिक, अरंडी उत्पादन के तहत क्षेत्र में 15% की कमी आई है। इसका मतलब है कि कुल उत्पादन कम हो सकता है। 

उपसंहार 

उद्योग निकाय द्वारा चीन का थोक खरीद के बारे में संचार किया जा रहा है। जनवरी से सितम्बर 2019 के दौरान, भारत ने 4804.17 करोड़ रुपये के अरंडी तेल का निर्यात किया। उसी अवधि के लिए 2020 में, यह आंकड़ा ₹3653.73 करोड़ है। यह निर्यात की जा रही मात्रा में 10% की वृद्धि के बावजूद है। उद्योग निकाय चाहेंगे कि 
वाणिज्य मंत्री कैस्टर पर निर्यात कर पर विचार करें या निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए। 

आप के लिए प्रश्न: अगर आप वाणिज्य मंत्री है, तो आप क्या करेंगे?

बिहार विधानसभा के चुनाव का अपडेट / Bihar Legislative Assembly Elections Update

 बिहार विधानसभा के चुनाव का अपडेट 

मतदान का पहला दौर समाप्त 

दिल्ली, अक्टूबर २८: बिहार भारत का तीसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला है।  इसकी विधानसभा के २४३ निर्वाचन क्षेत्र है। 

विधानसभा के चुनाव क्या है ?
राज्य सरकार वह सरकार है, जो एक राज्य में प्रशाषन का ख्याल रखता है। सरकार का चुनाव पुरे राज्य को छोटे क्षेत्रों में सीमांकन करके किया जाता है। इन क्षेत्रों को निर्वाचन क्षेत्र कहा जाता है। इन छोटे क्षेत्रों में से प्रत्येक से एक नेता का चुनाव किया जाता है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र को राज्य की विधान सभा में एक सीट दी जाती है, इसलिए इसे 'सीट' भी कहा जाता है।

बिहार के चुनावों के बारे में जानने जैसी सारी बातें 
  • बिहार विधान सभा के चुनाव ३ चरण में होंगे - २८ अक्टूबर, और ३ और ७ नवंबर को। 
  • १० नवंबर को मत-गणना और परिणाम की घोषणा की जाएगी। 
  • आज चुनाव का पहला चरण था। ७१ निर्वाचन क्षेत्रों ने अपने नेता चुने। 
  • अधिकांश स्थानों पर शाम 5 बजे तक मतदान बंद था। इस समय तक 54.39% मतदान हुआ था। बिहार में सामान्यतः 50% मतदान होता है।  2015 में 56.8% मतदान हुआ था और 2010 में, 52.7%.
  • सबसे ज्यादा मतदान चैनपुर में हुआ, 63.33%, जबकि सन्देश में 46.2% पर सबसे कम मतदान हुआ। यह आंकड़े अंदाजित है और अन्य चुनाव अधिकारियों के रिपोर्ट आने पर बदल सकते है। 

How to write a good Book Review

 Its great that you want to write a great book review. 

A good book review has 3 parts: 

A. About the Book

This should ideally be the shortest section of the review. Tell the readers a little bit about the book - its author, genre, topic, and other basic knowledge. Try to keep spoilers out, especially if its a story or thriller, but do try and put hook questions that will keep the reader engaged and take them to the next section of your review. For example, in a mystery book, instead of "A boy finds a giant peach in his backyard." Try "What happens when a young boy finds a giant peach in his backyard? Does he invite friends to eat, or discover that it is a spaceship?" 

B. Your review 

This is the longest part of the review. If you are writing a 250 word review, about 125-150 words will come here, or about 50-70% of your total content. 

Here are some things that you can cover in this section (depending on the length of your review, of course) 

> Your expectation from the book when you picked it up or how you came to read this book 

> The initial impression of the first few pages or words if it was different from the rest of the book. 

> What you liked about the book 

> What you did not like about the book 

> What you wish was different in the book 

> Any other observations as a reader. 

Of these, of course, what you liked and did not like about the book is the most important. Without that, its not a book review. 

C. Conclusion 

This should form the rest of the book. Here, you sum up your review in a few words. Some things that you can put in this section are: 

> Who is this book most suitable for? 

> What age group should read this book. 

> If you want to, you can give a rating out of 10 or 5. This is YOUR rating, as a reader. 

And that is all it takes to review a book! Go for it! Good Luck! 



Wednesday, 28 October 2020

Bihar Elections and the Curious case of China and Castor - October 29th 2020


 Today's lead story, obviously, is on the first leg of polling in the Bihar elections. 

The second story is on the curious case of China and castor seeds. No spoilers! 

After that we have: 

A. Hindi, Sanskrit, and Tamil wisdom. 

B. Last week's answers and winners, and this week's Veervaar Vijeta challenges. 

C. 2 memes by Rishabh Rao

D. Let's Scrabble by Archana Aggarwal 

E. Digital Resource of the Week 

F. Cute Mom and Dad - Poem by Sanskruti Hemant Sonawane
G. Laugh a lot it is by Ishaan Kaila 
H. Meme by Ganesh Mishra
I. Lovely art by Shivangani Singh 
J. Pun by Vijay Karthik 

Enjoy the edition! 

Love 

Nidhi aunty 



"कैस्पियन सी मॉन्स्टर '' की वापसी /“Caspian Sea monster’ rises

डागेस्टैन (रूस), 27 अक्टूबर: लुन-क्लास एकक्रानोप्लान(Lun-class ekranoplan), जिसे "द कैस्पियन सी मॉन्स्टर" के रूप में जाना जाता है, एक नाव, एक विमान और एक मॉन्स्टर का मिश्रण है, और 30 वर्षों में पहली बार अपने स्थान से हिला है ।  वास्तव में यह बिना पानी को छुए, पानी के ऊपर बढ़ सकता है। इसने पहली बार 1987 में सेवा देना शुरू किया  और इकरानोप्लांस(ekranoplans) ने सोवियत संघ और ईरान के बीच पानी के विशाल स्थान को कवर किया। यह आठ टर्बोफैन के साथ सुसज्जित था जो 340 मील प्रति घंटे की गति के साथ यात्रा कर सकता था और उड़ान से छह एंटी-शिप मिसाइलों को लॉन्च कर सकता था। इसे डर्बेंट शहर में, पैट्रियट पार्क नामक एक नए सैन्य संग्रहालय के केंद्र बिंदु के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा, जो कि विभिन्न प्रकार के सोवियत और रूसी सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित करेगा। एकरोनोप्लांस जैसे ग्राउंड इफेक्ट वाहन, पानी की सतह पर 3 से 16 फीट की ऊंचाई पर फिसलते हैं।



नासा ने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की घोषणा की/NASA announces discovery of water on the Moon’s surface

 सोफिया ने परिक्षण किया

वाशिंगटन डीसी, 27 अक्टूबर: चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध(southern hemisphere) में स्थित पृथ्वी से दिखाई देने वाले सबसे बड़े क्रेटरों में से एक, क्लेवियस क्रेटर में, पानी के अणु ( Water molecules) पाए गए ।नासा ने घोषणा की कि उसके स्ट्रैटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) टेलीस्कोप ने पहली बार चंद्रमा की सूरज की ओर वाली सतह पर पानी की उपस्थिति की पुष्टि की है।यह खोज इंगित करती है कि पानी के अणुओं को चंद्रमा की सतह पर वितरित किया जा सकता है, और यह ठंडे, छायादार स्थानों तक सीमित नहीं है जैसा कि पहले सोचा गया था।

वैज्ञानिकों का मानना है कि मिट्टी के भीतर कांच की गोलियों के समान संरचनाओं के अंदर पानी जमा हो सकता है जो कि एक पेंसिल की नोक से भी छोटा हो सकता है। उनके अनुसार इसका मतलब यह हो सकता है कि लगभग 40,000 वर्ग किमी लंबी चंद्र सतह में पानी को अपने अंदर सोखने की क्षमता है। नासा के लूनर रिकॉनेनेस ऑर्बिटर से लिए गए उच्च-रिज़ॉल्यूशन की छवियों और चंद्र तापमान माप का उपयोग कर के वे इन छोटे आकार के क्रेटर्स और उनके वितरण को फिर से बनाने में सक्षम थे। 

नासा, जो गेटवे नामक चंद्र कक्षा में एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है, कहता है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से खुदाई की गई बर्फ एक दिन पीने के पानी की आपूर्ति कर सकती है।


  


Sanskrit on the importance of integrity

 मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम्     

Manasyekam Vachasyekam KarmaNyekam MahaatmaNaam. 

Meaning: The thoughts, words, and actions of a great person are in sync. 



Tuesday, 27 October 2020

The Children's Post, 28th October , 2020

Hello dear readers,
Our Moon might have water on it. This was discovered by SOFIA. Read about it in the main news.
Ekranoplan - what is it? Read in the second news.
Page 2- Learn more about encounters with asteroids in the feature by Sunil Behera.
Page 3- The British Council Page with its puzzle. Try solving it.
Page 4- Wednesday Champs Congratulations. Try and solve today's question and send in your answers quickly.
Home is where we feel safe. Neer Adhya describes this feeling beautifully in her poem.
Page 5- Beautiful artwork shared by our talented readers Vishvaa, Ashnoor and Biddika.
A lovely poem by Anjali Mahto.
Happy Reading:)
Love,
Deepti Aunty

आओ, असम-मिज़ोरम की सीमा के मामले को समझे / Understanding the Assam – Mizoram border issue

आओ, असम-मिज़ोरम की सीमा के मामले को समझे 

यह क्या है?



दिल्ली, अक्टूबर २६: 1923 में अमेरिका को अपना पहला स्वदेशी रूप से बनाया गया एटलस मिला। यहाँ चित्र में जो आप देख रहे है, वह उस एटलस में भारत के नक़्शे का टुकड़ा है। अगर आप ध्यान से देखे तो, बंगाल प्रदेश (यह भारत के पार्टिशन के पूर्व का पूर्ण बंगाल था) की पूर्व ओर २ और प्रांत है - उत्तर में असम और उसके नीचे बर्मा (1923 में बर्मा भारत का अविभाज्य अंग था।  आज वह म्यानमार नाम का देश है। )

उत्तर-पूर्वीय क्षेत्र के '७ बहनों' के सामूहिक नाम से हम जिन राज्यों को आज जानते है, वे सब उस समय एक ही राज्य का हिस्सा थे - असम।  

यहाँ, चित्र में कोलंबिया वाइकिंग डेस्क एनसाइक्लोपीडिया, 1953 से असम पर एक विश्वकोश दाखिला (encyclopedia entry)  है। 


समय के साथ उत्तर पूर्व के राज्य, असम से बनाये गए। 

1963 में स्थापित होने वाला, नागालैंड सबसे पहला राज्य था।  उसके बाद मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर (तीनों राज्य 21 जनवरी, 1972) और अंत में मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश (20 फरवरी, 1987) की स्थापना हुई। 

कुछ मामलों  में राज्य अपने बीच की सीमाओं पर सहमत नहीं है। यहाँ तक की असम और मिज़ोरम के बीच राज्यरहित भूमि (No Man’s Land) भी है (यह दो सीमाओं के बीच का एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर दोनों में से एकभी राज्य  का नियंत्रण नहीं होता। ऐसी भूमि का अक्सर किसी भी तरह से उपयोग नहीं किया जाता है और दोनों पक्षों द्वारा निगरानी की जाती है।) 

९ अक्टूबर से असम और मिज़ोरम की राज्य की सीमा पर दोनों राज्यों के बीच कुछ झगडे हुए है। दोनों पक्षों को यह प्रतीत हो रहा है, कि दूसरा राज्य उनके क्षेत्र को ले जा रहा है।  मिज़ोरम और असम के मुख्यमंत्री भारतीय गृहमंत्री के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे है। 

असम का नागालैंड, मेघालय, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद चल रहा है। हालाँकि,
ये विवाद लोगों के सामान्य जीवन को विचलित नहीं करते हैं। वे समय-समय पर, कुछ घटनाओं के कारण सामने आते हैं। उन्हें शांतिपूर्वक और स्थायी रूप से हल करने का प्रयास किया जा रहा है।

Monday, 26 October 2020

पश्चिमी घाट में नए पौधों की प्रजातियों की खोज की गई /New Plant Species discovered in Western Ghats

 पुणे, 25 अक्टूबर: पश्चिमी घाट अपने क्षेत्र के विभिन्न पौधों और जानवरों की अनोखी प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। 

भारत और इटली के शोधकर्ताओं ने महाराष्ट्र के उत्तरी पश्चिमी घाट की सह्याद्री पहाड़ियों में एक नई पादप प्रजाति, सह्याद्री ग्लोब थीस्ल(Sahyadri globe thistle) (इचिनोपस सैहाइड्रिकस)(Echinops sahyadricus) की खोज की है।नए पौधों की प्रजातियां  इचिनोप्स (स्पाइनी थीस्ल) (spiny thistle) श्रेणी  के अंतर्गत आती हैं, जो एक सीधे खड़े फूल वाली जड़ी बूटी है, जिसमें मोटा तना होता है जो स्थानिक(देशी और निश्चित स्थान तक सीमित) है।

यह अपने अनूठे आकार (व्यास में 9 सेंटीमीटर), मिश्रित पुष्पक्रम (बड़ी संख्या में छोटे-छोटे फूलों की एक साथ गुच्छी),) फ्लोरेट (छोटे फूलों के मुख्य फूल) के चारों तरफ  phyllaries की व्यवस्था (काँटों की तरह फूल)और पत्तियों की सतह के प्रकार के कारण भिन्न है ।


The Children's Post, 27th October 2020

Dear Readers

Looks like winter has arrived. I woke up early in the morning to do my yoga when I found myself sneezing continuously. I am not exaggerating but I must have sneezed about 10-15 times. This is how my body tells me that winter has come. 

It was not just my body that was signalling the arrival of winter, the sky was darker, the birds were still sleeping, and I could see the moon quite clearly. Even though my sinuses shook me pretty bad but some of my senses were somehow alive to cherish the beautiful morning.

Happy winter my beautiful children!

Enjoy the edition

Nidhi & Priyanka

www.mytcp.in





गैलापागोस द्वीप में पेंग्विन और कॉर्मोरेंट की आबादी में वृद्धि /Population of Penguins and Cormorants increase in Galapagos island

 चेन्नई, 25 अक्टूबर:  चार्ल्स डार्विन के प्रजातियों के विकास के सिद्धांत(theory of the evolution of species) के लिए गैलापागोस द्वीप ने प्राकृतिक प्रयोगशाला के रूप में कार्य किया। इसे यह नाम गैलापागोस नाम के विशालकाय कछुओं के कारण मिला, जो यहां रहते हैं।

गैलापागोस पेंगुइन जो कि 35 सेमी की ऊंचाई वाली दुनिया में पेंगुइन की सबसे छोटी प्रजातियों में से एक है ,की आबादी  2019 में 1,451 से बढ़कर सितंबर 2020 में 1,940 हो गई है।

इस बीच, द्वीप के कॉर्मोरेंट्स ने अपने उड़ने की क्षमता खो दी है और गोताखोरी कौशल को विकसित किया है। इसी अवधि में ये अनोखी फ्लाइटलेस कॉर्मोरेंट्स भी 1,914 से बढ़कर 2,220 हो गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि पर्यटन में गिरावट और ला नीना जलवायु घटना(La Nina climatic phenomenon) (महासागर के सतह के पानी को ठंडा करना) की उपस्थिति ने उनकी आबादी को बढ़ाने में मदद की।



The Children's Post, 26th October 2020

 

Dear Readers,

 

Hope you all had a great Sunday.

 

Today's first news covers the increasing population of penguins and flightless cormorants Galapagos island. Second news is about a new plant species discovered in Western Ghats.

 

Today’s feature covers the ritual of a special  Saraswathi and Ayudha (instruments) Puja celebration.

 

On page 3, we have the Letter of Positivity, Junior Reading Room by Lakshya Singh, Brain Tickler & Monday Masterminds.

 

Page 4 has sports new and art contributions by Vibhuti Talegaonkar and Akshita Singhal

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Have a great week ahead!

 

Love,

Vanitha & Manjeet

 

Sunday, 25 October 2020

आईएमडी द्वारा शुरू की गई नोवल फ्लैश फ्लड वॉर्निंग सिस्टम / Novel flash flood warning system launched by IMD

आईएमडी द्वारा शुरू की गई नोवल फ्लैश फ्लड वॉर्निंग सिस्टम 


इंडिया, अक्टूबर  २४:
आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) दक्षिण एशियाई देशों के लिए पहला ऐसा सिस्टम चालू किया, जो फ़्लैश फ्लड का अलर्ट देने के लिए खतरा (अग्रिम में 6 घंटे) और जोखिम (अग्रिम में 24 घंटे) के रूप में देगा। फ्लैश फ्लड की भविष्य की घटनाओं के लिए मार्गदर्शन की पेशकश करने के लिए सिस्टम में व्यापक विज्ञान, गतिशीलता और डायग्नोस्टिक्स हैं। फ्लैश फ्लड बेहद स्थानीयकृत घटनाएँ हैं, बहुत ज्यादा ऊँची चोटी के साथ और आम तौर पर केवल 6 घंटे का समय होता है भारी बारिश और शिखर बाढ़ की शुरुआत के बीच।  दुनिया भर के कई देशों में फ्लैश फ्लड वॉर्निंग सिस्टम की क्षमता नहीं है, जिसका लोगों के जीवन और संपत्ति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। 

लॉन्च से पहले, आईएमडी ने सिस्टम की प्रभावकारिता का प्रीऑपरेशनल परीक्षण, हाल के मानसून के मौसम के दौरान  किया। फ्लैश फ्लड बुलेटिन को राष्ट्रीय जल विज्ञान और मौसम विज्ञान क्षेत्र के लिए जारी किया गया था और उन रिपोर्ट के सत्यापन के लिए स्थानिक क्षेत्रों के विभागों को भेजा गया था। 

पेश है समय की सबसे छोटी इकाई - जेप्टोसेकंड / Introducing ‘Zeptosecond’ – the shortest unit of time

 पेश है समय की सबसे छोटी इकाई - जेप्टोसेकंड 


जर्मनी, अक्टूबर २४:
एक बार पलक झपकने में लगता समय, समय की सबसे छोटी इकाई से ज्यादा है। कमाल है ना? गोएथ विश्वविद्यालय, फ्रैंकफर्ट, बर्लिन के फ्रिट्ज हबेर इंस्टिट्यूट और हैमबर्गर के DESY (German
Electron Synchrotron research center) के परमाणु भौतिक विज्ञानियों ने समय की सबसे छोटी इकाई - जेप्टोसेकंड को मापा है। यह एक सेकंड के अरबवें हिस्से में खरब के बराबर या एक दशमलव बिंदु जिसके बाद २० शून्य और एक १ है।  वैज्ञानिकों ने नापा है की प्रकाश की एक कण को एक हाइड्रोजन के अणु से गुज़रने में २४७ जेप्टोसेकंड का समय लगता है। इकाई को मापने के लिए, उन्होंने PETRA III (Positron-Elektron-Tandem-Ring-Anlage (Facility)). लेजर के एक्स-रे का उपयोग करके हाइड्रोजन अणु का विकिरण किया (विकिरण के लिए कुछ का पर्दाफाश)। इस तरह की खोज से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के माध्यम से परमाणु परिवर्तनों को ठीक से मापने में मदद मिलेगी। 

फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव - विद्युत चुम्बकीय होने पर इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन विकिरण, जैसे प्रकाश, किसी वस्तु पर गिरता है। इसमें इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं, और इस तरीके को फोटोइलेक्ट्रॉन कहा जाता है।